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दिल्ली में 360 गांवों के निवासी कल जंतर- मंतर पर करेंगे महापंचायत, जानिए क्या हैं उनकी मांगे?

Mahapanchayat in Delhi: दिल्ली देहात क्षेत्र के लोग कई तरह के बुनियादी समस्याओं से परेशान हैं, यहां भूमि सुधार से जुड़े कई मामले लंबे समय से लंबित हैं. इसी को लेकर अब ग्रामीण महापंचायत करने वाले हैं.

Delhi News Today: दिल्ली देहात के गांवों के लोग बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर कल यानी 15 सितंबर को जंतर- मंतर पर महापंचायत करने की तैयारी में हैं. पालम- 360 खाप के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी के नेतृत्व में खाप पंचायत और दिल्ली देहात के गांव के लोग कल भारी संख्या में जंतर-मंतर पर जुटेंगे, जहां वे दिल्ली देहात के ग्रामीणों की लंबित समस्याओं को लेकर महापंचायत कर उनकी समस्याओं के समाधान की मांग सरकार से करेंगे. 

बता दें, चौधरी सोलंकी के नेतृत्व में पिछले साल भी महापंचायत करके दिल्ली के किसानों और ग्रामवासियों ने अपनी समस्याओं को मजबूती से सामने रखा था और अब 15 सितंबर को दिल्ली के गांवों के लंबित समस्याओं के समाधान के लिए जंतर-मंतर पर महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है.

ग्रामीण आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार
इस महापंचायत को लेकर पालम- 360 खाप के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी दिल्ली के सभी गांवों में किसानों और ग्रामीणों के साथ नियमित बैठकें कर रहे हैं और समस्याओं के समाधान के लिए समर्थन जुटा रहे हैं. ग्रामीणों ने इस बार वर्षों से लंबित मुद्दों के समाधान के लिए आर पार की लड़ाई का मन बनाया है. 

दिल्ली देहात के लोगों का कहना है कि अब इन मुद्दों का समाधान हमारे लिए अस्तित्व का सवाल है. उनका कहना है कि शहरी क्षेत्रों की तुलना में दिल्ली के गांव बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. 

दूसरी तरफ अन्य स्थानों पर सौंदर्यीकरण अभियान और पहल की जा रही है. जबकि गांवों के जल निकायों और साहिबी नदी की स्थिति भी दयनीय है, जो पूरी तरह से नाले में तब्दील हो गई है.

'चुनाव से पहले हो समस्या का समाधान'
पालम 360 खाप के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि गांवों की उपेक्षा का असर न केवल मूल निवासियों पर पड़ा है, बल्कि दिल्ली के गांवों में रहने वाले बड़ी संख्या में प्रवासी आबादी पर भी बुरा असर पड़ा है. बारिश के दौरान दिल्ली देहात के गांव की बुरी हालत हो गई. 

प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने कहा, "कई गांवों और उनसे जुड़े मार्गों पर जलभराव हो गया और पानी से कई गड्ढे हो गए हैं. जिससे यातायात प्रभावित हुआ और जनजीवन अस्त- व्यस्त हो गया. इसकी वजह से कई बीमारियों के पैदा होने का खतरा भी बढ़ गया है. 

सोलंकी ने कहा है कि इस बार गांवों के लोगों को कोई झूठा आश्वासन नहीं चाहिए. उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले गांवों की ज्वलंत समस्याओं का समाधान करने की मांग की. ग्रामीण अब शोषण बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होने आरोप लगाया कि उनकी जमीनें कम कीमत पर अधिग्रहित की गई हैं और बदले में उन्हें वादे के मुताबिक सुविधाएं नहीं दी गई हैं.

क्या है मांगें?
दिल्ली देहात के गांवों से जुड़े जिन महत्वपूर्ण मुद्दों के समाधान की मांग को लेकर 15 सितंबर को महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है, जिनमें प्रमुख रूप से ये मुद्दे शामिल हैं.

1. दिल्ली के गांव में बंद पड़ी भूमि म्यूटेशन की प्रक्रिया को दोबारा बहाल करना.

2. धारा 74/4 के तहत भूमि आवंटित करने वाले गरीब किसानों को मालिकाना हक.

3. जिन लोगों की भूमि अधिग्रहित की गई है, उन्हें सरकारी योजना के अनुसार वैकल्पिक भूखंड आवंटित किए जाएं.

4. सरकार की स्वामित्व योजना के तहत बिना किसी स्टांप ड्यूटी के ग्रामीणों को पैतृक संपत्ति का मालिकाना हक दिया जाए.

5. जीडीए नीति, 2041 मास्टर प्लान की अधिसूचना, संशोधित भूमि पूलिंग नीति और गांवों को स्मार्ट गांवों के रूप में विकसित किया जाना चाहिए.

6. धारा 81 और 33 को रद्द किया जाना चाहिए और धारा 81 के तहत दर्ज मामले वापस लिए जाने चाहिए.

7. सीलिंग और तोड़फोड़ अभियान को रोका जाना चाहिए.

8. गांवों में एमसीडी का हस्तक्षेप बंद किया जाए, गांवों में तुरंत मीटर लगाए जाएं.

9. पूर्व में भर्ती किए गए होमगार्डों को हटाने के आदेश वापस लिए जाएं और उन्हें 60 वर्ष की आयु तक आवश्यक सुविधाएं और लाभ देकर सेवा में रखा जाए.

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