Delhi News: दिल्ली में बाढ़ जैसे हालात और जलजमाव के बाद बीमारियों का खतरा लगातार मंडरा रहा है. वैसे हर साल बारिश के बाद दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से डेंगू मलेरिया चिकनगुनिया और अन्य गंभीर बीमारियों को लेकर लोगों को जागरूक किया जाता रहा है, लेकिन इस बार बाढ़ और जलजमाव के बाद चुनौतियां और बढ़ चुकी हैं. इसी को देखते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अस्पतालों को व्यवस्थाओं दुरुस्त रखने के साथ-साथ दिल्ली के स्कूलों को भी बच्चों की सुरक्षा के संबंध में दिशा निर्देश जारी किया है.
दिल्ली के स्वास्थ्य और फ्लड कंट्रोल मिनिस्टर सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग और नगर निगम के लिए आदेश जारी करते हुए कहा कि पिछले सप्ताह 39 डेंगू के केस रिपोर्ट हुए थे और इस साल जुलाई तक मिले रिपोर्ट के अनुसार कुल 163 मरीज सामने आए हैं जो कि बीते साल 2020 और 2021 की तुलना में काफी ज्यादा है. डेंगू मलेरिया चिकनगुनिया व अन्य पानी से होने वाले गंभीर रोगों से सतर्क रहने की आवश्यकता है. इस बात को ध्यान में रखते हुए स्कूली बच्चों को फुल स्लीव शर्ट और पूरे शरीर ढके हुए कपड़े पहनने का निर्देश दिया जाए .
इस बार दिल्ली में भारी बारिश और जलजमाव की वजह से समय से पहले मच्छर ज्यादा सक्रिय हो गए हैं. मच्छर घुटने और कोहनी में ज्यादा काटते हैं. इसलिए बच्चों को इससे सावधान रहने की विशेष जरूरत है. इसी को ध्यान में रखते हुए स्कूली बच्चों को खासतौर पर फुल स्लीव शर्ट और पूरे शरीर ढकने वाले कपड़े पहनने के लिए निर्देश दिया गया है, जिससे उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके.
इस बार डेंगू के मरीज ज्यादा
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी रिपोर्ट के अनुसार बीते सालों में जुलाई तक की रिपोर्ट के तुलना में 2023 में सबसे ज्यादा डेंगू के मरीजों के आने की पुष्टि हुई है. 15 जुलाई तक 2018 के महीने में 43, 2019 में 32, 2020 में 28, 2021 में 40, 2022 में 158 डेंगू के मरीज मिले थे जबकि सभी आंकड़ों को पीछे छोड़ते हुए 2023 में अब तक 163 डेंगू के मरीजों की पुष्टि हुई है. इस बार बाढ़ और जलजमाव जैसे गंभीर हालात के बाद यह भी संभावना जताई जा रही है कि डेंगू मलेरिया चिकनगुनिया के मरीज बढ़ सकते हैं. इसी को देखते हुए दिल्ली स्वास्थ्य मंत्री द्वारा स्वास्थ्य विभाग को पूरी तरह अलर्ट करते हुए कहा गया है कि अपनी व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने के साथ-साथ ऐसे मरीजों के इलाज में अस्पताल प्रशासन पूरी तरह तत्पर रहें.