Delhi Dengue: दिल्ली में ठंड की दस्तक के बाद भी डेंगू का प्रकोप कम नहीं, एक हफ्ते में सामने आए 243 नए मामले
दिल्ली में ठंड की दस्तक सुनाई देनें लगी है. इसके बावजूद अभी भी यहां डेंगू और मलेरिया के मामलों में कमी आती नहीं दिखाई पड़ रही है. पिछले हफ्ते ही यहां 243 नए मामले सामने आए हैं.
Delhi Dengue Update: दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत में ठंड ने दस्तक दे दी है, लेकिन अभी भी लोगों को डेंगू मलेरिया से राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है. इस महीने अब तक 869 से ज्यादा मामलों की पुष्टि की जा चुकी है . नगर निगम द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार पिछले हफ्ते 243 नए मामले सामने आए हैं , जो लोगों को डरा रहे हैं . वैसे हर साल बारिश के बाद डेंगू मलेरिया का संकट दिल्ली में गहराता है, लेकिन ठंड की शुरुआत के साथ इसका प्रभाव कम हो जाता है. जबकि इस बार अभी भी इनके संक्रमण से राजधानी को राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही .
ठंड शुरू होते ही कम हो जाता है मच्छरों का प्रकोप
तापमान में गिरावट, बारिश का पानी अस्थिर होने और हवाओं में नमी की वजह से ठंड की शुरुआत होते ही डेंगू और मलेरिया के मच्छरों का प्रकोप बारिश की दिनों की तुलना में कम हो जाता है, लेकिन इस बार राजधानी दिल्ली में ठंड शुरू होने के बाद भी डेंगू मलेरिया मरीजों की संख्या में कमी देखने को नहीं मिल रही है. ये आम लोगों के लिए चिंता का विषय है. बीते अक्टूबर महीने में जहां डेंगू मरीजों के आने की संख्या 1238 रही. वहीं नवंबर के शुरुआती ढाई हफ्तों में दिल्ली नगर निगम ने 800 से ज्यादा डेंगू मरीजों की पुष्टि की. अबतक कुल संक्रमण की संख्या बढ़कर 3100 से अधिक हो चुकी है .
चिकित्सकों की सलाह - अभी न करें लापरवाही
साल 2015 में राजधानी में डेंगू ने जमकर तांडव मचाया मचाया था. इस वर्ष मरीजों की संख्या 10600 के पार पहुंच चुकी थी, और 60 से ज्यादा लोगों ने दम तोड़ दिया था . एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान फिजीशियन डॉक्टर सतीश कपूर ने कहा कि अभी डेंगू मलेरिया चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से बचने का प्रयास करने की आवश्यकता है .
बीते दिनों की तुलना में इसका प्रकोप कम जरूर है लेकिन खतरा अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं. इसलिए उन्होंने घरों के आसपास साफ पानी को इकट्ठा न करने और बुखार आने पर तत्काल जांच और अन्य रोकथाम के उपाय करने की सलाह दी . उन्होंने कहा डेंगू मलेरिया चिकनगुनिया जैसी गंभीर बीमारियों से बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सतर्क रहने की आवश्यकता है .