Delhi News: दिल्ली में मौलवियों को वेतन तो मंदिर के पुजारियों के लिए क्यों नहीं, के मसले पर सात फरवरी को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास पर बीजेपी मंदिर प्रकोष्ठ के पुजारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया था. अब उसी मसले पर केजरीवाल सरकार में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish sisodia) ने उपराज्यपाल विनय सक्सेना (Vinai Saxena) के जरिए बीजेपी (BJP) पर हमला बोल दिया है. इसके लिए उन्होंने एलजी के एक आदेश को ही आधार बनाया है. ऐसा ​कर आप (AAP) नेता ने बीजेपी को बता दिया है कि हम आपकी राजनीति को समझ रहे हैं. बीजेपी वाले मंदिरों में कार्यरत पुजारियों की आड़ में दिल्ली सरकार (Delhi Government) को विकास के एजेंडे से भटकाना चाहते हैं. वो दिल्ली में भी हिंदू बनाम मुस्लिम का कार्ड खेलना चाहते हैं. हम ऐसा नहीं होने देंगे. 


दरअसल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बीजेपी की मंशा को भांपते हुए एलजी विनय सक्सेना पर हमला बोल दिया है. उन्होंने एलजी पर संवेदनशील मसलों पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. डिप्टी सीएम कार्यालय की ओर से जारी बयान से साफ है कि दिल्ली के एलजी कुछ मंदिरों को तुड़वाना चाहते हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार इस मसले पर एलजी से सहमत नहीं है. यही वजह है कि उन्होंने अपने ताजा बयान में सवाल उठाया है कि एलजी मंदिरों को तुड़वाने के लिए इतने बेताब क्यों हैं? ऐसा करने से माहौल बिगड़ सकता है. आइए, हम आपको बताते हैं कि डिप्टी सीएम सिसोदिया ने एलजी से किन-किन सवालों के जवाब मांगे हैं. 


मनीष सिसोदिया ने एलजी से मांगे हैं 5 सवालों के जवाब 



  • एलजी के आरोप निराधार, एक तरफ दिल्ली सरकार की फाइलें रोक कर हर काम में बाधा डाल रहे हैं और दूसरी तरफ सरकार पर मंदिरों को तोड़ने से जुड़ी फाइलों में देरी करने का आरोप लगा रहे हैं. एलजी मंदिरों पर बुल्डोजर चलाने के लिए इतने उत्साहित क्यों है?

  • क्या एलजी के लिए दिल्ली सरकार के स्कूलों के टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजने से ज्यादा जरूरी मंदिरों को तोड़ना है?

  • एलजी खुद को दिल्ली का "स्थानीय संरक्षक" कहते हैं, तब भी क्यों नहीं वो सार्वजनिक हित की परियोजनाओं को मंजूरी देते हैं?

  • प्राचार्यों, डीईआरसी  चेयरमैन, कानूनी सलाहकारों की नियुक्ति की मंजूरी की फाइल एलजी के पास कई महीनों से लंबित क्यों है?

  • क्या हर काम में बाधा डालने के बजाय दिल्ली सरकार को एलजी शांतिपूर्वक तरीके से काम करने देंगे?



बता दें कि सात फरवरी को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास बीजेपी मंदिर पुजारी प्रकोष्ठ के साधु संतों ने सैलरी की मांग को लेकर जोरदार प्रर्शन किया था. साधु संतों के प्रदर्शन में दिल्ली बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, सांसद मनोज तिवारी, सांसद रमेश विधूड़ी व अन्य नेता शामिल हुए थे.दरअसल, विभिन्न मंदिरों के पुजारियों ने वेतन की मांग को लेकर मंगलवार को दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर प्रदर्शन किया था. साधु-संतों का कहना है ​कि हिंदुओं के टैक्स से मौलवियों और मौलानाओं को तनख्वाह मिल सकती है, तो फिर पुजारियों को सैलरी क्यों नहीं दी जा सकती. उसके बाद से दिल्ली के सियासी गलियारों में नई चर्चा छिड़ गई है. मंदिरों के पुजारियों ने वेतन देने की मांग उठा कर राजनीति गर्मा दी है. 


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