GPRA Project Delhi: दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच लंबे से जारी तकरार कोई नई बात नहीं है. इस सूची में बहुत जल्द मंदिर, मजार और गुरुद्वारा को तोड़ने का भी शामिल हो जाएगा. फिलहाल, सीएम और एलजी के बीच विवादों की सूची में नए और न जुड़े, इस बात को ध्यान में रखते हुए दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने उपराज्यपाल विनय सक्सेना (Vinai Saxena) को नेक सलाह दी है. उन्होंने 20 फरवरी को उपराज्यपाल विनय सक्सेना को सुझाव दिया है कि विकास परियोजनाओं (GPRA Project) की राह में आड़े आने वाले मंदिरों और मजारों को ध्वस्त करने के बदले उनके डिजाइन में बदलाव कर विकास योजनाओं को गति देने का काम किया जा सकता है. इससे लोगों की धार्मिक भावनाओं को बनाए रखने में भी मदद मिलेगी. 


दरअसल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एलजी विनय सक्सेना से अपील की है कि 21वीं सदी में मॉडर्न आर्किटेक्चर.इंजीनियरिंग में सब कुछ संभव है. हम जब पेड़ों को लेकर इतने संवेदनशील हैं कि घर या कोई स्ट्रक्चर बनाते हैं तो उसके डिजाइन में बदलाव कर पेड़ को बचाने का काम करते हैं. ठीक उसी तरह लाखों लोगों की धार्मिक भावनाओं से जुड़े इन मंदिरों, मजारों व गुरुद्वारों को प्रोजेक्ट्स के डिजाईन में बदलाव कर बचाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि हम भी विकास के पक्ष में हैं लेकिन यह भी ध्यान रखना चाहिए लोगों की आस्था आहत न हो. मनीष सिसोदिया ने ये भी कहा कि एलजी ने हाल ही में मुझ पर आरोप लगाया था कि मैं बहुत सारे मंदिरों, मजारों, गुरुद्वारों को तोड़ने की फाइलें दबाकर बैठा हूं. इन पर कोई निर्णय नहीं ले रहा हूं. इससे कई परियोजनां रुकी पड़ी हैं. दरअसल, मेरे पास कुल मिलाकर 19 फाइलें आईं हैं. ये फाइलें 67 मंदिर, 6 मजार और 1 गुरुद्वारा को तोड़ने से जुड़ी हैं. जिन विकास कार्यों के लिए इन धार्मिक इमारतों को तोड़ने के लिए चिह्नित किया गया है, उनमें केंद्र सरकार द्वारा आवास बनाने सहित कई फ्लाईओवर बनाने के प्रोजेक्ट्स शामिल हैं.


सलाह के पीछे की ये है वजह


डिप्टी सीएम का कहना है कि दिल्ली पुलिस की लोकल रिपोर्ट में यही कहा गया है कि इन धार्मिक इमारतों को तोड़ा गया तो लोगों का भारी विरोध होगा. लोग प्रदर्शन कर सकते हैं. दंगे भी हो सकते हैं. इससे शहर में लॉ एंड आर्डर की समस्या उत्पन्न होगी. इन सबका का जिक्र करते हुए सिसोदिया ने इस बात का जिक्र नहीं किया कि अगर ऐसा हुआ तो सबसे ज्यादा असंतोष दिल्ली सरकार के खिलाफ लोगों का भड़केगा. ऐसा इसलिए कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार है. प्रचंड बहुमत होने के बाद भी दिल्ली में बड़ी संख्या में मंदिर और मजार तोड़े जाएंगी. सियासी जानकारों का कहना है कि लोगों की धार्मिक भावनाओं की आड़ सिसोदिया इस बात को छुपा रहे हैं कि उनकी सरकार इस तरह की कोई कार्रवाई नहीं करना चाहती. ताकि सियासी नुकसान से बचा जा सके. 


दिल्ली के इन धार्मिक भवनों को तोड़ने की है योजना  


बांके बिहारी सनातन मंदिर झील चौक, शिव शनि मंदिर लेबर चौक शिवपुरी, .प्राचीन शिव मंदिर निकट मायापुरी फ्लाईओवर, प्राचीन हनुमान मंदिर भजनपुरा, हनुमान मंदिर लोनी चौराहा, .मां वैष्णो देवी मंदिर, मौजपुर चौक, .हनुमान मंदिर, निकट एमआईजी फ्लैट्स लोनी, .प्राचीन सिद्ध श्री हनुमान मंदिर, नियर चिंतामणि चौक दिलशाद गार्डन, .सियालकोट रेस्टोरेंट के पास मंदिर, काली माता मंदिर, नियर ईएसआई हॉस्पिटल बसई दारापुर, .मंदिर बहादुरगढ़.नजफगढ़ कैरिजवे, दक्षिणी, सर्व मंगल सिद्धपीठ, .श्री माता वैष्णो देवी धाम और .श्याम मठ मंदिर  पश्चिमी दिल्ली का नाम शामिल है. केंद्र सरकार के जीपीआरए प्रोजेक्ट्स के तहत कस्तूरबा नगर, सरोजनी नगर, नेताजी नगर, श्रीनिवासपूरी, त्यागराज नगर में 49 मंदिर व 1 मजार तोड़ने के लिए चिह्नित हैं. जहां तक मजार की बात है कि भजनपुरा चौक, .हजरत हसन जिनाती रहमतुल्लाह मजार, सीडीआर चौक एमजी रोड,.मजार नियर हसनपुर डिपो रेडलाइट, .मजार हिमाचल भवन मंडी हाउस के बाहर, .दादा खब्डे मजार गोयला मोड का नाम भीसूची में शामिल है. इसके अलावा गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा नौरोजी नगर को भी तोड़ने की योजना है. 


यह भी पढ़ेंः  Bike Taxi Ban : बाइक टैक्सी के इस्तेमाल पर रोक के बाद बुकिंग बंद, आदेश का उल्लंघन करने वाले भुगतेंगे ये अंजाम