Delhi News: दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने दिल्ली के हर घर में नल से 24 घंटे साफ पानी मुहैया कराने और रेन वाटर हार्वेस्टिंग (Rain Water Harvesting) को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy CM Manish Sisodia) ने डीजेबी (DJB) की 163वीं बोर्ड बैठक में कई अहम फैसले लिए. इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने भागीरथी प्लांट की 40 साल पुरानी पानी की पाइपलाइन को बदलने के लिए 271 करोड़ रूपये की परियोजना को मंजूरी दी. इसके अलावा केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की समयसीमा 31 मार्च 2023 तक बढ़ाने का फैसला लिया है. इससे जिन 100 वर्ग मीटर या इससे बड़े भूखंडों के भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाना अनिवार्य था, उन लोगों को राहत मिलेगी. 


रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाना जरूरी
हालांकि, दिल्ली में भूजल स्तर को बढ़ाने और वर्षा जल का कुशलता पूर्वक उपयोग करने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाना जरूरी है. इसे लेकर केजरीवाल सरकार की ओर से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक किया जाएगा. फिलहाल, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के इंस्टॉलेशन में उपभोक्ताओं की मुश्किलों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने यह फैसला लिया है. इसके तहत 6 महीने यानि 1 अक्टूबर 2022 से 31 मार्च 2023 तक वर्षा जल संरक्षण पेनाल्टी नहीं लगेगी. इस समयसीमा के अंदर उपभोक्ता अपने 100 वर्ग मीटर या इससे बड़े भूखंडों के भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा सकते है.


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क्या कहा सीएम केजरीवाल ने
इस संबंध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा कि, दिल्ली सरकार ने भागीरथी प्लांट की 40 साल पुरानी पानी पाइप लाइन को बदलने का फैसला लिया है. इस 20 किमी लंबी पाइप लाइन के बदलने से पूर्वी दिल्ली के लाखों लोगों तक 130 MGD साफ गंगाजल पहुंचाया जा सकेगा. दिल्ली वालों को 24x7 पानी मुहैया कराने की दिशा में यह फैसला एक मील का पत्थर साबित होगा.


उप मुख्यमंत्री ने दिए ये निर्देश 
बैठक के दौरान उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अधिकारियों को पानी की 24 घंटे सप्लाई सुनिश्चित कराने के लिए भागीरथी प्लांट से निकलने वाली मुख्य पाइपलाइन को बदलने की परियोजना को सेफ्टी-सिक्योरिटी व क्वॉलिटी के सभी मानकों का पालन करते हुए समय सीमा के अंदर पूरा करने के निर्देश दिए. भागीरथी प्लांट से निकलने वाली यह पाइपलाइन पूर्वी दिल्ली में जाती है. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल सरकार राष्ट्रीय राजधानी में विभिन्न इलाकों में पानी की पुरानी पाइपलाइन बदकर नई पाइपलाइन बिछाने और लोगों के घरों में शुद्ध पेयजल मुहैया कराने की दिशा में चरणबद्ध तरीके से काम कर रही है. ताकि दिल्लीवालों को कोई परेशानी न झेलनी पड़े और उन्हें बेहतर सुविधाएं मिलें. 


बदली जाएगी पुरानी पाइपलाइन 
दिल्ली के भागीरथी डब्ल्यूटीपी से निकलने वाली मुख्य पाइपलाइन को बदला जाएगा. पानी सप्लाई के लिए मौजूद पाइपलाइन करीब 40 साल पुराने हैं, जिन्हें बदलने का प्रस्ताव रखा गया था. सामान्य रूप से पाइप करीब 50 साल तक चलता है. भविष्य में पानी की मांग को पूरा करने के लिए पाइपलाइन के साइज में करीब 15-20 फीसद अतिरिक्त वहन क्षमता होनी चाहिए. इसी को देखते हुए इन्हें बदलने का फैसला लिया गया है. इस पाइपलाइन को बदले जाने के बाद पूर्वी दिल्ली के लाखों लोगों को फायदा होगा. साथ ही पर्याप्त दबाव के साथ लोगों के घरों में पानी की पर्याप्त आपूर्ति होगी. इस परियोजना की लागत 271 करोड़ रुपये है. डीजेबी के अनुसार पाइपलाइन के हाइड्रोलिक्स डिजाइन को सलाहकार द्वारा दोबारा तैयार किया गया. नतीजतन सिविल कार्य की लागत पहले से घटकर कम हो गई. 


रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर काम
वहीं, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डेनमार्क के राजदूत फ्रेडी स्वैन से भी मुलाकात की थी और डेनमार्क के वर्षा जल संरक्षण मॉडल को समझा था. इस दौरान फ्रेडी स्वैन ने बताया था कि कैसे वर्षा जल को संरक्षित कर डेनमार्क ने स्वयं को पानी के लिए आत्मनिर्भर बनाया है. सरकार डेनमार्क के उन मॉडलों को दिल्ली में भी अपनाने का विचार कर रही है. रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स की कार्यप्रणाली बहुत सामान्य होती है जिसमें जमीन पर सोखता गड्ढे बनाए जाते हैं. बरसात के दौरान बारिश के पानी को इन गड्ढों के माध्यम से एकत्र किया जाता है और यह पानी जमीन के अंदर जाता है जिससे भूजल का स्तर बढ़ता है. जिस तेजी से भूजल स्तर कम होता जा रहा है, उसे देखते हुए वर्तमान में जल संरक्षण के ऐसे उपाय बेहद महत्वपूर्ण हो चुके हैं.


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