दिल्ली: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रोहिंग्या के मुद्दे पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने गुरुवार को कहा कि दिल्ली सरकार रोहिंग्याओं को दिल्ली में रखने के खिलाफ है. उनका आरोप है कि केंद्र सरकार के कुछ लोग दिल्ली के अधिकारियों के साथ मिलकर यह साजिश रच रहे थे. उन्होंने जानना चाहा है कि अगर केंद्र सरकार भी रोहिंग्या के खिलाफ है तो ये बैठकें किसके आदेश पर हुईं हैं.उन्होंने गृहमंत्री से इस साज़िश की गंभीरता से जांच करान की मांग की है. उन्होंने कहा है कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार से छिपाकर बैठकें किसके आदेश पर हुईं.
मनीष सिसोदिया ने क्या आरोप लगाए हैं
मनीष सिसोदिया ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि बंगलादेशी रोहिंग्या को बसाने की साजिश सामने आई है. अखबार में पहले एक रिपोर्ट देखी जिसमें रोहिंग्या को फ्लैट देने जा रही है. उसके बाद हरदीप पूरी जी का ट्वीट जिसमें वो तारीफ कर रहे थे. लेकिन मीडिया में बात आने के बाद बीजेपी बैकफुट पर आ गई है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में रोहिंग्याओ को फ्लैट देने की योजना बन रही है, लेकिन इसका पता न मुख्यमंत्री को है और ना मुझे, मेरे पास गृह विभाग भी है.
उपमुख्यमंत्री ने पूछा किसके निर्देश पर अधिकारी कर रहे थे बैठक
उन्होंने कहा कि कुछ मीटिंग्स हुई थी. इसमें कुछ निर्णय लिए गए थे.उन्होंने कहा कि उस फाइल में लिखा था सीधे मुख्य सचिव के जरिए उपराज्यपाल को भेजा जा रहा है. सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से छुपाकर ये साजिश क्यों रची जा रही है. उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार का स्टैंड ये है और दिल्ली सरकार का स्टैंड ये है कि रोहिंग्या के किसी भी प्रवास सुरक्षा के लिए खतरा मानती है.
उन्होंने कहा, ''मैंने केंद्रीय गृहमंत्री को चिट्ठी को लिखी है जिसमें मैंने मांग की है इस मामले में दिल्ली और देश के सामने स्पष्ट रुख रखें.ये कौन लोग थे जो केंद्र और दिल्ली सरकार से छुपाकर योजना बना रहे थे इसकी जांच होनी चाहिए. केंद्र की ओर से दिल्ली सरकार पर रोहिंग्या के रहने वाले स्थान को डिटेंशन सेंटर घोषित न करने के आरोप पर मनीष सिसोदिया ने कहा,''पहले केंद्र तो अपना रुख साफ करे कल से कन्फ्यूजन फैला रखा है.उसके बाद में यह कौन सा कैंप चलेगा या कौन सा नहीं चलेगा पुलिस का निर्णय है.''
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