Delhi Master Plan Amendment: दिल्ली मास्टर प्लान-2021 में हालिया संशोधन के अनुसार, मल्टी-लेवल कार पार्किंग (एमएलसीपी) परियोजनाओं के रखरखाव के लिए जिम्मेदार एजेंसियों को एमएलसीपी के आसपास ऑन-स्ट्रीट पार्किंग को खत्म करने के लिए उपाय करने की आवश्यकता है. दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा पेश किए गए संशोधन के अनुसार, एमएलसीपी सड़क के किनारे कम से कम 500 मीटर तक ऑन-स्ट्रीट पार्किंग के लिए जिम्मेदार हैं.
ऑन-स्ट्रीट पार्किंग पर तीन गुना लगेगा शुल्क
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा बीती 12 मई से जारी अधिसूचना के मुताबकि "बढ़े हुए पार्किंग शुल्क (एमएलसीपी के कम से कम 3 गुना) और अन्य उपायों के माध्यम से एमएलसीपी के आसपास ऑन-स्ट्रीट पार्किंग को खत्म करने के लिए प्रबंधन एजेंसी द्वारा उपयुक्त उपाय किए जाने चाहिए. "डीडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि “इन प्रावधानों को नई एमएलसीपी परियोजनाओं के लिए एजेंसी द्वारा लागू करना होगा. नए एमएलसीपी में कॉमर्शियल कंपोनेंट पर अधिक स्पष्टता लाने के लिए संशोधन लाए गए थे, लेकिन इनमें से कुछ मानदंड भी भीड़ को कम करने के उद्देश्य से हैं.”
ये होंगे नए मापदंड
यह भी बता दें कि संशोधित प्रावधान में बहुस्तरीय कार पार्किंग) प्लॉट ऐसी सड़कों पर स्थित होंगे, जिनकी चौड़ाई 12 मीटर या उससे अधिक होगी. इसके लिये सक्षम एजेंसी की व्यवहार्यता रिपोर्ट और यातायात पुलिस व अन्य वैधानिक निकायों के अनापत्ति प्रमाणपत्र की जरूरत होगी. नए मानदंडों के अनुसार, न्यूनतम भूखंड का आकार 1,000 वर्गमीटर होना चाहिए, 3,000 वर्गमीटर के आकार के भूखंड पर 100 एफएआर (फ्लोर एरिया अनुपात) की अनुमति होगी. 3,000 से 10 हजार वर्गमीटर तक के भूखंड पर एफएआर 60 होगा. 10 हजार वर्ग मीटर से अधिक की शेष भूमि पर एफएआर 50 होगा.