Delhi Politics News: एक दिन पहले दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (LG VK Saxena) और सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के बीच पावर शेयरिंग के मसले पर बैठक हुई. बैठक के बाद सीएम अरंविद केजरीवाल ने एक बयान जारी किया. उपराज्यपाल वीके सक्सेना को लेकर मुख्यमंत्री के बयान को राजनिवास ने भ्रामक और एक खास एजेंडे के तहत मामले को मोड़ने का प्रयास करार दिया है. साथ ही ये भी कहा ​कि यह उच्चतम न्यायालय के आदेशों के विपरीत है. 


राजनिवास के अधिकारी ने बताया कि एलजी वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री को हर मुद्दे का राजनीतिकरण न करने की सलाह भी दी है. राजनिवास के अधिकारी ने कहा कि बैठक के बाद प्रेसवार्ता में उच्चतम न्यायालय के आदेश, प्रशासक के रूप में शक्तियां, सभी विषयों पर सर्वोच्चता और अधिकारियों को निर्देश देने संबंधी उपराज्यपाल को लेकर दिए गए मुख्यमंत्री के सभी बयान भ्रामक, स्पष्ट रूप से झूठ और मनगढ़ंत हैं. 


राजनिवास ने दिल्ली के सीएम को दी ये सलाह 
राजनिवास ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को संविधान के प्रावधानों, संसद के अधिनियमों और उच्चतम न्यायालय के निर्णयों के अनुसार कार्य करने की सलाह दी है. इससे परे सीएम का बयान बेवजह मामले को तूल देने वाला ही माना जाएगा. 


LG के आदेश गैर कानूनी 
इसके जवाब में दिल्ली सरकार ने बयान जारी कर राजनिवास के आरोपों का खंडन किया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को उपराज्यपाल के साथ बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के कई आदेश उच्चतम न्यायालय के 2018 के फैसले के लिहाज से गैर कानूनी हैं. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल के साथ मुलाकात के दौरान उन्होंने उच्चतम न्यायालय के फैसलों और संविधान के विभिन्न प्रावधानों का हवाला दिया था, लेकिन, उपराज्यपाल ने कहा कि उन्हें प्रशासक के रूप में संदर्भित किया गया है और उन्हें सर्वोच्च अधिकार प्राप्त है.


एलजी ने सीएम के सामने उठाया ये मसला 
बता दें कि सीएम अरविंद केजरीवाल कई हफ्तों के बाद उपराज्यपाल के साथ शुक्रवार की साप्ताहिक बैठक में शामिल हुए, लेकिन ऐसा लगता है कि टकराव कम होने के बजाय और तेज होने की संभावना है. इससे पहले बैठक के दौरान उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री ने दिल्ली के शासन, प्रशासन और विकास से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया. राजनिवास के अधिकारी ने कहा कि उपराज्यपाल ने दोहराया कि वह अपने कर्तव्यों के निर्वहन के लिए संविधान से बंधे हैं और उनके सभी कार्य और निर्णय समय-समय पर संविधान, संसद के अधिनियमों, कानूनों और न्यायालयों द्वारा दिए गए निर्णयों के अनुरूप रहे हैं. उपराज्यपाल ने टूटी और गड्ढों वाली सड़कों, बढ़ते वायु प्रदूषण और यमुना नदी की बिगड़ती स्थिति के अलावा आठ वर्षों में कोई नया फ्लाईओवर या अंडरपास, अस्पताल, स्कूल या कॉलेज का निर्माण नहीं होने से संबंधित मुद्दों को उठाया.


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