आनंद विहार, निजामुद्दीन, तिलक ब्रिज...दिल्ली के 13 रेलवे स्टेशन का होगा कायाकल्प, पढ़ें लिस्ट
Northern Railway News: उत्तर रेलवे ने बजटीय आवंटन और उसके इस्तेमाल पर फोकस डालते हुए कहा कि दिल्ली मंडल के 13 रेलवे स्टेशनों को 'अमृत भारत' योजना के तहत फिर से विकसित किया जाएगा.
Delhi Railway Stations News: दिल्ली डिवीजन के 13 रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प किया जाएगा. इन स्टेशनों को 'अमृत भारत' योजना के तहत यात्रियों की सुविधाओं और रेल की सुरक्षा और आधुनिकीकरण का ख्याल रखते हुए योजनाओं पर काम किया जाएगा. उत्तर रेलवे ने इस बारे में जानकारी दी है.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर रेलवे ने बजटीय आवंटन और उसके उपयोग पर फोकस डालते हुए बुधवार (24 जुलाई) को कहा कि दिल्ली मंडल के 13 रेलवे स्टेशनों को 'अमृत भारत' योजना के तहत फिर से विकसित किया जाएगा.
दिल्ली मंडल के किन-किन रेलवे स्टेशनों का होगा विकास?
उत्तर रेलवे की ओर से जारी एक बयान में वकायदा स्टेशनों के नाम का भी जिक्र किया गया है. ये स्टेशन आदर्श नगर दिल्ली, आनंद विहार, बिजवासन, पुरानी दिल्ली, दिल्ली कैंट, दिल्ली सराय रोहिल्ला, दिल्ली शाहदरा, हजरत निजामुद्दीन, नरेला, नई दिल्ली, सब्जी मंडी, सफदरजंग और तिलक ब्रिज हैं.
दिल्ली डिवीजन का वार्षिक औसत बजट
उत्तर रेलवे के अनुसार, दिल्ली डिवीजन का वार्षिक औसत बजट परिव्यय 2,582 करोड़ रुपये है और 2014 और 2024 के बीच 10 सालों में डिवीजन ने 100 फीसदी ट्रैक विद्युतीकरण प्राप्त करने के लिए 2.4 किमी नए ट्रैक का निर्माण किया है और 4 किमी ट्रैक का विद्युतीकरण किया है.
रेलवे की चल रही परियोजनाओं पर फोकस डालते हुए, इसमें कहा गया है कि 302 किमी की नए ट्रैक बनाने की योजना के साथ चार परियोजनाएं शामिल हैं. इस पर 4,778 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. रेलवे की ओर से बयान में कहा गया है कि 2014 से तेरह रेल फ्लाईओवर और अंडर-ब्रिज का निर्माण किया गया है.
इससे पहले 23 जुलाई को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि भारतीय रेलवे अपने बजट आवंटन का एक बड़ा हिस्सा रेल सुरक्षा संबंधी गतिविधियों और स्वचालित ट्रेन-सुरक्षा सिस्टम ‘कवच’ पर खर्च करेगी. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को आम बजट 2024-25 पर टिप्पणी करते हुए ये बात कही थी.
रेल मंत्री वैष्णव ने कहा, ''रेलवे के लिए 2,62,200 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है, जो पूंजी निवेश के लिए एक रिकॉर्ड आवंटन है. इस आवंटन का एक बड़ा हिस्सा- 1,08,795 करोड़ रुपये - सुरक्षा संबंधी गतिविधियों के लिए है, जैसे पुरानी पटरियों को नए से बदलना, सिग्नल प्रणाली में सुधार और फ्लाईओवर और अंडरपास का निर्माण और कवच लगाना शामिल है.''
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