Delhi Metro Phase 4: दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण (Delhi Metro Phase 4) की परियोजना की समय-सीमा में ‘कोई बड़ी देरी’ या लागत में बढ़ोतरी की आशंका नहीं है. दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) प्रमुख मंगू सिंह (Mangu Singh) ने आज बताया कि तीन प्राथमिकता वाले गलियारों में से दो के कुछ खंड अगले साल मार्च तक खोले जाने की योजना है. डीएमआरसी के निवर्तमान प्रबंध निदेशक ने पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में आगे कहा कि परियोजना के समूचे चौथे चरण का अंतिम संचालन मार्च 2025 तक बढ़ाया जा सकता है, हालांकि अभी भी दिसंबर 2024 की समय-सीमा में पूरा करने के लिए काम किया जा रहा है.
चौथे चरण का काम दिसंबर 2019 में शिलान्यास समारोह के साथ शुरू हुआ था लेकिन मार्च 2020 में दिल्ली में कोविड-19 महामारी फैलने के बाद काम प्रभावित हो गया. वर्तमान में डीएमआरसी परियोजना के तहत तीन प्राथमिकता वाले गलियारों के 65.2 किलोमीटर पर निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके तहत 45 स्टेशन हैं. परियोजना के तहत जनकपुरी वेस्ट-आर के आश्रम मार्ग (28.92 किमी), पहले से ही संचालित मैजेंटा लाइन और पिंक लाइन का विस्तार मजलिस पार्क-मौजपुर (12.55 किमी) और तुगलकाबाद-एरोसिटी (23.62 किमी) हैं.
मेट्रो के चौथे चरण की परियोजना क्या समय पर होगी पूरी?
तुगलकाबाद-एरोसिटी को ‘सिल्वर लाइन’ के रूप में बनाया जा रहा है, जो पहले से संचालित वायलेट लाइन और एयरपोर्ट लाइन को जोड़ेगी. पूछे जाने पर कि क्या महामारी की वजह से लागत में बढ़ोतरी हुई है या चौथे चरण की परियोजना की समय सीमा में देरी होगी, सिंह ने कहा, ‘‘इस स्तर पर मुझे कोई बड़ी देरी होती नहीं दिख रही है और न ही लागत में कोई बड़ी वृद्धि हुई है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘सब कुछ ठीक चल रहा है और महामारी के दौरान समय का जो नुकसान हुआ है, मुझे बहुत उम्मीद है कि हम उसकी भरपाई कर लेंगे.
शायद एक साल के भीतर हम चौथे चरण के खंडों को एक-एक करके, खंड दर खंड खोलना शुरू कर देंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए चौथे चरण की प्राथमिकता वाले गलियारों के हिस्से के रूप में बनाई जा रही लाइन-7 (पिंक लाइन) और लाइन-8 (मैजेंटा लाइन) दोनों के छोटे खंड शायद अब से एक साल के समय में या मार्च 2023 तक चालू हो जाएंगे.’’ मार्च 2019 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण के छह गलियारों में से तीन को मंजूरी दी थी जिससे राष्ट्रीय राजधानी में कनेक्टिविटी में और सुधार होगा.
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केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी की बाट जोह रहे अन्य तीन प्रस्तावित गलियारों में रिठाला-बवाना-नरेला, इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ और लाजपत नगर-साकेत जी ब्लॉक शामिल हैं. बाकी तीन गलियारों की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, ‘‘ये अब नवीनतम चरण में है और मंत्रिमंडल की मंजूरी लंबित है. अन्य सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं. इसलिए, मंत्रिमंडल की मंजूरी अब कभी भी दी जा सकती है.’’ सिंह ने एक जनवरी 2012 को डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक का पदभार संभाला था. सिंह से पहले ई श्रीधरण दिल्ली मेट्रो के प्रमुख थे.
DMRC की वित्तीय सेहत सामान्य स्थिति की तरफ- प्रमुख
कोविड-19 की वजह से लॉकडाउन के मद्देनजर डीएमआरसी की वित्तीय सेहत के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, ‘‘हम सामान्य स्थिति की तरफ लौट रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि दैनिक यात्रियों की औसत संख्या 43 लाख को पार कर गई है, जो कि कोविड पूर्व के आंकड़े का 70 प्रतिशत है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोविड पूर्व यात्रियों की संख्या (यात्रा या लाइन उपयोग) लगभग 60 लाख थी. डीएमआरसी में आगे प्रौद्योगिकी की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, ‘‘सभी नई लाइन डीटीओ (चालक रहित ट्रेन संचालन) जैसी नवीनतम प्रौद्योगिकी के साथ होंगी और पुरानी लाइन को आधुनिक सिग्नलिंग प्रणाली में परिवर्तित किया जाएगा जब नवीनीकरण की जरूरत होगी. इसलिए प्रौद्योगिकी पांच-छह वर्षों के लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.’’