दिल्ली: PUC सर्टिफिकेट के बिना वाहन चलाना पड़ेगा महंगा, हो सकती है 6 महीने की जेल
दिल्ली में बिना पीयूसी सर्टिफिकेट के वाहन चलाने पर ड्राइवर को 6 महीने की सजा 10 हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है.बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने ये फैसला लिया है.
दिल्ली में वैलिड पीयूसी यानी वैलिड पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट के बिना वाहन चलाना महंगा साबित हो सकता है. दरअसल दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है जिसके अनुसार, वैध प्रदूषण नियंत्रण (PUC) प्रमाण पत्र के बिना वाहन चलाने वालों को छह महीने तक की कैद या 10,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है.
बता दें कि राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए 19 सितंबर के बाद से पीयूसी (PUC) के संबंध में सरकार द्वारा जारी यह दूसरा ऐसा नोटिस है.
दोषी ड्राइवर 3 महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस नहीं रख पाएंगे
रविवार को जारी किए गए नोटिस के अनुसार, दोषी ड्राइवरों को तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस रखने से भी अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा. बता दें कि नोटिस को परिवहन विभाग की वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया गया है. वहीं दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “नियम वर्तमान में लागू है, लेकिन अभियोजन एजेंसियों को चरणबद्ध तरीके से कार्यान्वयन में सख्ती बढ़ानी चाहिए क्योंकि बड़ी संख्या में लोगों को इसके बारे में पता नहीं हो सकता है. इससे केवल ट्रैफिक कोर्ट में मामलों का ढेर लग जाएगा. रविवार के नोटिस के बाद, संबंधित विभागों को संचार भेजा गया है कि कार्यान्वयन को अब बढ़ाया जाना चाहिए.”
नोटिस में ये कहा गया है
नोटिस में कहा गया है, "परिवहन विभाग, NCT दिल्ली सरकार, दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने और वायु गुणवत्ता में सुधार के अपने जारी प्रयासों में, दिल्ली में सभी मोटर वाहन मालिकों से अनुरोध करती है कि वे अपने वाहनों को केवल वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र के साथ चलाएं." नोटिफिकेशन में आगे कहा गया है, "सभी रजिस्टर्ड वाहन मालिकों से अनुरोध है कि वे परिवहन विभाग द्वारा ऑथराइज्ड प्रदूषण जांच केंद्रों से अपने वाहनों की जांच करवाएं ताकि किसी भी तरह के दंड / कारावास / ड्राइविंग लाइसेंस के निलंबन से बचा जा सके."
1 अक्टूबर से 30 अक्टूबर के बीच 5 हजार से ज्यादा का हुआ चालान
वहीं सरकारी अधिकारियों ने बताया कि 1 अक्टूबर से 30 अक्टूबर के बीच यातायात अधिकारियों और परिवहन विभाग के अधिकारियों ने 49 हजार 882 वाहनों की जांच की और 5 हजार 664 का चालान किया गया.
PUC सर्टिफिकेट किन्हें दिया जाता है
गौरतलब है कि कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड जैसे विभिन्न प्रदूषकों के लिए उनके उत्सर्जन मानकों के लिए समय-समय पर वाहनों का टेस्ट किया जाता है जिसके बाद उन्हें PUC सर्टिफिकेट दिया जाता है. दिल्ली में मोटर चालकों की सुविधा के लिए शहर के विभिन्न पेट्रोल पंपों और वर्कशॉप में 966 ऑथराइज्ड प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित किए गए हैं. ये केंद्र प्रदूषण जांच करने के बाद निर्धारित प्रदूषण मानदंडों का पालन करने वाले वाहनों को पीयूसी प्रमाण पत्र जारी करते हैं.
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