Delhi News: दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने दिल्ली सरकार के सरकारी अस्पतालों में घटिया दवाइयों की सप्लाई के मामले की सीबीआई जांच के आदेश को सही फैसला करार दिया है. उन्होंने कहा कि एलजी ने यह आदेश देकर दिल्ली की जनता के गुनाहगार को सामने लाने की दिशा में कार्यवाही की है. इस मामले की जांच जल्द से जल्द पूरी होनी चाहिए. ताकि इन घटिया दवाइयों का कहां-कहां असर हुआ, वह सामने आ सके.
रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि घटिया दवाइयों की सप्लाई केवल भ्रष्टाचार का मामला नहीं है बल्कि यह किसी की जान से खिलवाड़ करने जैसा है, जो भी व्यक्ति इसके लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. जब तक मामले की जांच चलती है, तब तक स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफा ले लेना चाहिए.
सतर्कता विभाग ने की मामले की जांच
इस मामले की जांच दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग ने की और विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि 10 फीसदी सैम्पल फेल हो गए हैं. इसलिए सैपलिंग का दायरा और बढ़ाया जाना चाहिए. सतर्कता विभाग ने जुलाई में जनता की यह आम शिकायतें मिलने के बाद दवाइयों की जांच कराने का फैसला किया था कि दवाइयों का कोई असर नहीं हो रहा. कुल 43 सैम्पल की जांच कराई गई जिनमें से 3 सैम्पल फेल हो गए और 12 की रिपोर्ट अभी नहीं आई. इसके बाद 43 और सैम्पल लिए गए जिनमें से 5 सैम्पल फेल हो गए. चंडीगढ़ की सरकारी लैब से 11 दवाइयों की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है. जिन प्राइवेट लैब से जांच कराई गई, वे भी सरकार से स्वीकृत हैं.
मुहल्ला क्लीनिकों में आपूर्ति हुई दवाई की भी हो जांच
ने कहा कि दवाइयां केजरीवाल सरकार की एजेंसी द्वारा ही खरीदी गई. सतर्कता विभाग की रिपोर्ट में यह भी लिखा गया है कि अभी यह पता नहीं चल पाया कि क्या इन्हीं दवाइयों की सप्लाई मुहल्ला क्लीनिकों में भी की गई या नहीं. यही एजेंसी मुहल्ला क्लीनिकों में भी दवाइयां उपलब्ध कराती है. सतर्कता विभाग का कहना है कि और दवाइयों के सैम्पल भेजकर उनकी भी जांच कराई जानी चाहिए.
दिल्ली सरकार में भ्रष्टाचार का बोलवाला
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार के हर विभाग में भ्रष्टाचार का बोलबाला है. शराब घोटाला, शीशमहल घोटाला, जल बोर्ड घोटाला, डीटीसी घोटाला, क्लास रूम घोटाला, जासूसी कांड, अस्पताल घोटाला आदि-आदि इतने घोटाले हो चुके हैं कि यह सरकार घोटाला सरकार बनकर रह गई है.