Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली (Delhi), जहां अभी तक आपको ऊंची-ऊंची इमारतें और लंबी-चौड़ी सड़कें नजर आती हैं, अब उसे 'झीलों का शहर' (City ​​of Lakes) बनाने की तैयारी चल रही है. दिल्ली में आपको अब अलग-अलग जगहों पर आकर्षक झीलें नजर आएंगी.  दिल्ली सरकार इसको लेकर युद्ध स्तर पर काम कर रही है.


डिप्टी सीएम ने किया सन्नोथ झील का मुआयना
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को बवाना इलाके में बन रही सन्नोथ झील का ग्राउंड पर जाकर मुआयना किया. साथ ही परियोजना में जारी विभिन्न इकाइयों के कार्यों की व्यक्तिगत रूप से समीक्षा की. इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों को विभिन्न पहलुओं पर सुझाव दिए, जो दिल्ली सरकार द्वारा चलाई जा रही झीलों के कायाकल्प परियोजना का हिस्सा हैं.


अंडरग्राउंड वॉटर रिचार्ज पर दिया जा रहा जोर
उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को झील को उम्मीदों के अनुरूप बदलने और समय से गुणवत्तापूर्ण कार्य पूरा करने के निर्देश दिए. इसके अलावा झील की बाउंड्री वॉल पर बच्चों के लिए शिक्षा से जुड़ी कलाकृतियां बनाने के सुझाव दिए हैं ताकि रंगों के समावेश से उकेरी गई कलाकृतियों से आसपास व यहां आने वाले पर्यटकों को सीख मिल सके. इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने इकोलॉजिकल सिस्टम को बनाए रखने और लागत प्रभावी तरीकों के साथ ज्यादा से ज्यादा अंडरग्राउंड वॉटर रिचार्ज करने के लिए परियोजना को तैयार करने के लिए कहा है.


पर्यटकों के लिए नया टूरिस्ट स्पॉट बनेंगी झीलें
दिल्ली सरकार इन झीलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करेगी. इसी कड़ी में 6 एकड़ में फैली सनोथ झील को भी पर्यटकों के लिए विकसित किया जायगा. ये झील बवाना के सनोथ गांव में स्थित है. इस झील को केजरीवाल सरकार आधुनिक तकनीकों के साथ पुनर्जीवित कर रही है. उपमुख्यमंत्री ने बताया है कि दिल्ली सरकार सनोथ झील को पिकनिक स्पॉट के रूप में तब्दील करेगी और घोघा ड्रेन में मौजूद 1 एमएलडी के प्राकृतिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के रिसाइकल पानी का इस्तेमाल इस झील को जीवंत करने के लिए किया जाएगा. 


क्या है गंदे पानी को साफ करने की एसटीपी तकनीक
बता दें घोगा ड्रेन में प्राकृतिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) वेटलैंड प्रणाली पर आधारित है और बिना बिजली के गंदे पानी को साफ करता है. जल्द ही इस एसटीपी की कैपेसिटी बढ़ाने के लिए विभाग को निर्देश दिए गए हैं, ताकि झील सालभर साफ पानी से भरी रहे. यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि इससे अधिकतम अंडरग्राउंड वॉटर रिचार्ज हो. ये सभी कार्य पर्यावरण के अनुसार ही हो रहे हैं. इस परियोजना का कार्य जल्द से जल्द पूरा होने के बाद इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा.


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