नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के नरेला इलाके में देश के पहले इलेक्ट्रोनिक-वेस्ट इको-पार्क का निर्माण दिल्ली सरकार करेगी. इस बारे में जानकारी गुरुवार को दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दी. इस इलेक्ट्रोनिक-वेस्ट इको-पार्क में प्लास्टिक रिसाइक्लिंग, बेकार सामानों से कीमती घातुओं का निष्कासन जैसे काम किए जाएंगे.
नरेला इंडस्ट्रियल इलाके में बनने वाला यह ई-वेस्ट पार्क 20 एकड़ के क्षेत्र में फैला रहेगा. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रोजेक्ट के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति का प्रपोजल गुरुवार को पास किया गया.
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कैबिनेट की बैठक के बाद डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल और इलेक्ट्रोनिक गैजेट्स पर बढ़ती हमारी निर्भरता की वजह से इलेक्ट्रोनिक कचरे का अंबार लगता जा रहा है. उन्होंने कहा कि चिंता की बात ये है कि अभी इन ई-वेस्ट का वैज्ञानिक तरीके से सुरक्षित प्रबंधन नहीं किया जा रहा है जिससे कई बार ई-वेस्ट स्थलों पर अप्रिय घटनाएं भी घट जाती हैं.
डिप्टी सीएम ने कहा कि इन्हीं सारी बातों को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ई-वेस्ट पार्क का निर्माण करेगी जिससे इन इलेक्ट्रोनिक कचरे का प्रबंधन ठीक तरीके से किया जा सके. उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि वर्तमान समय में ई-वेस्ट के वैज्ञानिक तरीके से निपटारे पर किसी राज्य सरकार ने काम नहीं शुरू किया है.
बता दें कि सिर्फ दिल्ली में दो लाख टन इलेक्ट्रोनिक कचरे का उत्पादन बेकार इलेक्ट्रिकल अप्लायंस, इलेक्ट्रोनिक आइटम्स, पुराने कंप्यूटन और बेकार मोबाइल फोन्स से हर साल होता है. यह लंबे समय में पर्यावरण के लिए बेहद खतरनाक है और मानव जीवन को बड़े स्तर पर जोखिम में डाल सकता है. ऐसे में यह जरूरी है कि इन इलेक्ट्रोनिक कचरे को एक जगह इकट्ठा कर इसका वैज्ञानिक तरीके से निपटारा किया जाए.