Delhi News: दिल्ली सरकार ने शिक्षा विभाग में कार्यरत लगभग 594 व्यावसायिक प्रशिक्षकों और समन्वयकों की सेवाएं समाप्त कर दी है. सरकार के इस फैसले पर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में बीजेपी सांसदों  का एक प्रतिनिधिमंडल व्यावसायिक शिक्षक कल्याण संघ के प्रतिनिधियों के साथ उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मुलाकात की. साथ ही इस मामले में उनके हस्तक्षेप की मांग की. 


दिल्ली बीजेपी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा, सांसद मनोज तिवारी, रामवीर सिंह बिधूड़ी, योगेंद्र चंदोलिया, कमलजीत सहरावत और बंसुरी स्वराज शामिल थी. 


इन कर्मचारियों की सेवा समाप्त 


प्रतिनिधिमंडल ने उपराज्यपाल से मुलाकात कर कहा कि दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग ने 1988 एवं 1996 में व्यावसायिक प्रशिक्षकों और समन्वयकों को नियुक्त किया था. साल 2008 में उनकी सेवा शर्तों को पीजीटी शिक्षकों के बराबर कर दी गई, लेकिन कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की सरकारों ने कभी भी व्यावसायिक प्रशिक्षकों और समन्वयकों के पदों को नियमित करने का प्रयास नहीं किया. अब अचानक उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं.


एलजी ने दिया सहयोग का भरोसा


वीरेंद्र सचदेवा ने उपराज्यपाल से कहा कि अधिकांश ऐसे प्रशिक्षक और समन्वयक 20 से 28 वर्षों से काम कर रहे हैं. अब सेवानिवृत्ति के करीब हैं. ऐसे में अचानक उनकी सेवा समाप्ति ने उन्हें आर्थिक संकट में डाल दिया है, क्योंकि वे अपनी मेहनत से अर्जित ग्रेच्युटी भी खो देंगे. उपराज्यपाल ने उनकी बातों को सुनने के बाद इस मामले में तत्काल रिपोर्ट मांगने का आश्वासन दिया. 


वीरेंद्र सचदेवा ने व्यावसायिक प्रशिक्षकों और समन्वयकों को आश्वासन दिया कि बीजेपी सुनिश्चित करेगी कि उनमें से कोई भी अपनी नौकरी या ग्रेच्युटी न खोए. बता दें कि दिल्ली सरकार के इस फैसले से नौकरी खोने वाले 594 व्यावसायिक प्रशिक्षकों और समन्वयकों का परिवार एक ही झटके में सड़क पर आ गया है. शिक्षा विभाग में कार्यरत इन कर्मचारियों से सरकार से फैसला वापस लेने की मांग की है. कर्मचारियों की परेशानी को देखते हुए बीजेपी उन्हें हर संभव सहयोग का भरोसा दिया है.


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