Delhi Teachers Transfer News: दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने गुरुवार (4 जुलाई) को कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव नरेश कुमार को निर्देश दिया है कि वह 5,000 शिक्षकों के ट्रांसफर का आदेश तत्काल वापस लें, जो उनकी मंजूरी के बिना जारी किया गया था.


'शिक्षा निदेशालय के शिक्षण कर्मचारियों के ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन अनुरोध' शीर्षक वाले परिपत्र में एक स्कूल में 10 साल से अधिक समय तक सेवा दे चुके सभी शिक्षकों को अनिवार्य रूप से ट्रांसफर के लिए आवेदन करने का निर्देश दिया गया था.


आदेश में शिक्षा निदेशालय ने क्या कहा?
शिक्षा निदेशालय ने 11 जून को एक आदेश में कहा था, "एक ही विद्यालय में लगातार 10 साल पूरा कर चुके सभी शिक्षकों को आपसी सहमति या सामान्य रूप से अधिकतम संख्या में विद्यालयों का चयन करने के आधार पर ट्रांसफर के लिए अनिवार्य रूप से ऑनलाइन आवेदन करना होगा."


इस आदेश में आगे कहा गया था, "जो शिक्षक ऑनलाइन आवेदन नहीं करेंगे, मुख्यालय स्वयं ही उनका आधिकारिक आवश्यकता के अनुसार किसी भी स्कूल में ट्रांसफर कर देगा."


ट्रांसफर आदेश पर शिक्षा मंत्री ने खड़े किए सवाल
दिल्ली में सरकारी स्कूल के 5000 शिक्षकों के तबादले के आदेश के बाद हंगामा शुरू हो गया है. इस पर दिल्ली सरकार की शिक्षा मंत्री आतिशी ने सवाल उठाए हैं. आतिशी ने कहा कि इन शिक्षकों की बदौलत पिछले 10 साल में दिल्ली के सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था सुधरी है, स्कूलों के नतीजे बेहतर हुए हैं. ऐसे में इन शिक्षकों के तबादले का असर स्कूलों पर पड़ेगा. 


शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि उन्होंने ट्रांसफर को रोकने के लिए दिल्ली शिक्षा विभाग के सचिव और शिक्षा निदेशक को निर्देश भी दिया थे, जिसका पालन नहीं किया गया. आतिशी ने अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, "ट्रांसफर रोकने के लिए ये अधिकारी इन शिक्षकों से रिश्वत भी ले रहे हैं." 


शिक्षा मंत्री ने इस बाबत मुख्य सचिव को भी निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने कहा, "इस ट्रांसफर को जल्द से जल्द रोका जाए और भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाए. 


'ये आदेश है शिक्षा विरोधी'
आतिशी ने गुरुवार को इस मामले में एक बयान जारी करते हुए कहा, "11 जून को दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग ने एक आदेश निकाला है. इस आदेश में कहा गया है कि कोई भी शिक्षक जो 10 साल से किसी एक स्कूल में कार्यरत है, तो उनका कंपल्सरी ट्रांसफर किया जाएगा. चाहे स्कूल के बच्चे उनका ट्रांसफर चाहें या न चाहें, वो टीचर अच्छा काम कर रहा हो या ना कर रहा हो." 


आदेश का जिक्र करते हुए आतिशी ने कहा कि ये आदेश बिलकुल गलत है और शिक्षा विरोधी है. उन्होंने कहा कि 1 जुलाई को मैंने इस आदेश को खारिज करने के लिए दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशक और दिल्ली सरकार के शिक्षा सचिव को निर्देश दिए. 


'नहीं किया जाना जोरजबरदस्ती ट्रांसफर'
आतिशी ने कहा, "यह आदेश इसलिए गलत है क्योंकि ये वो टीचर है, जिनके 10 साल की मेहनत की वजह से दिल्ली की शिक्षा का कायापलट हुआ है." उन्होंने कहा, "इन शिक्षकों की वजह से दिल्ली के सरकारी स्कूल के नतीजे प्राइवेट स्कूल से बेहतर आ रहे हैं. ऐसे में जब एक झटके में इतने सारे टीचर्स को बदल दिया जाता है तो फिर उस स्कूल में शिक्षा व्यवस्था अस्त व्यस्त हो जाती है." 


अपने आदेश का बचाव करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि यही वजह है कि मैंने ये आदेश दिए थे, इस तरह से जोर जबरदस्ती से टीचरों का ट्रांसफर नहीं किया जाना चाहिए. ये सरकारी स्कूलों की शिक्षा के लिए ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि इस आदेश के बावजूद 2 जुलाई की देर रात अचानक 5000 टीचरों के तबादले का आदेश निकल जाता है. 


शिक्षा निदेशालय के आदेश पर सवाल खड़ा करते हुए शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, "सवाल उठता है कि मेरे आदेश के बावजूद क्यों इस तरह के आदेश निकाले गये? क्या दिल्ली के सरकारी अफसर ही यहां के सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं?"


'ट्रांसफर प्रक्रिया में हुआ भ्रष्टाचार'
अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए आतिशी ने कहा, "खबर मिल रही है कि ट्रांसफर प्रक्रिया में बहुत भ्रष्टाचार हुआ है. ट्रांसफर रुकवाने के लिए शिक्षकों ने अफसरों को रिश्वत दी है. इस तरह का भ्रष्टाचार शिक्षा के क्षेत्र में ठीक नहीं है." उन्होंने कहा कि मैंने आज सुबह दिल्ली के मुख्य सचिव को ये निर्देश दिए हैं कि 10 साल से ज्यादा एक स्कूल में पढ़ा रहे टीचर के इस तबादले को तुरंत रोका जाए. 


दिल्ली की शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि मैंने ये भी निर्देश दिया है कि इस प्रक्रिया में हुए भ्रष्टाचार की भी जांच हो, इस मामले में जिसने भी रिश्वत ली है उस पर ठोस कार्रवाई हो. हमारी सरकार इन टीचर्स के साथ है क्योंकि इन्हीं टीचर्स की बदौलत हमने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को सुधारा है. इसलिए इस तरह के फैसलों का दिल्ली सरकार विरोध करती है. 


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