(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Delhi Edward Park: एडवर्ड पार्क की स्थापना के सौ साल हुए पूरे, लोगों ने पार्क को लेकर बताई रोचक बातें
Hundred years of Edward Park: दिल्ली स्थित एडवर्ड पार्क की स्थापना 15 फरवरी 1922 को प्रिंस ऑफ वेल्स ने अपने भारत दौरे पर की थी. सौ साल पूरे होने पर लोगों ने इससे जुड़ी हुई विशेष यादें शेयर कीं.
Centenary of Delhi's Edward Park: आज से ठीक एक सदी पहले, प्रिंस ऑफ वेल्स (Prince of Wales) ने पुरानी दिल्ली (Delhi) में एक खूबसूरत बगीचे में भव्य स्मारक के रूप में किंग एडवर्ड सप्तम (King Edward VII) की, एक ऐतिहासिक प्रतिमा का लोकार्पण किया था. हालांकि स्वतंत्रता के बाद, इस विरासत पार्क का नाम और भाग्य बदल गया, लेकिन इसकी किंवदंतियां अब भी शेष हैं. घोड़े पर सवार ब्रिटिश सम्राट (British King) की पांच टन की कांस्य प्रतिमा को 1910 में, उनके निधन के बाद स्थापित किया गया था. प्रतिमा को प्रसिद्ध कलाकार सर थॉमस ब्रॉक (Sir Thomas Brock) ने बनाया था और इसे इंग्लैंड (England) से जहाज के जरिये भारत भेजा गया था.
अभिलेखीय रिकॉर्ड के अनुसार 15 फरवरी 1922 को, एक हरे-भरे बगीचे के बीचों-बीच तत्कालीन प्रिंस ऑफ वेल्स ने प्रतिमा का अनावरण किया था. इस दौरान नजदीकी सलीमगढ़ किले में 101 तोपों की सलामी दी गई थी. अपने भारत यात्रा के दौरान प्रिंस ऑफ वेल्स ने स्मारक का उद्घाटन किया था.
यहां काफी समय से आ रहे लोगों का कहना है कि, मुगल काल के लाल किले और 17वीं सदी की जामा मस्जिद के आसपास पांच एकड़ में फैला यह विशाल पार्क विभिन्न फूलों, पौधों और झाड़ियों से समृद्ध है, लेकिन यहां आने वाले लोगों के लिए हमेश केंद्रीय आकर्षण 'घोड़ा और राजा' ही होता था. प्रतिमा को 1968 में हटाने के बाद कनाडा के टोरंटो भेज दिया गया था.
पुरानी दिल्ली के निवासी मोहम्मद यूसुफ (66) अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहते हैं, ''बचपन में हम पार्क में जाया करते थे. उन दिनों पार्क में फूल महकते थे और ऐसा नजारा होता था कि, पार्क से जाने का मन नहीं करता था. वहां से जामा मस्जिद का भी शानदार नजारा दिखाई देता था.'' जामा मस्जिद के सामने एक पुरानी 'पान' की दुकान चलाने वाले एक अन्य स्थानीय निवासी मोहम्मद इदरीस (65) ने कहा कि, कई लोग विशेष रूप से बुजुर्ग अभी भी इसे ''घोड़े वाले बाग'' के रूप में जानते हैं.
स्वतंत्रता के बाद, 1950 के दशक में, पार्क का नाम स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर रखने और एडवर्ड की जगह बोस की प्रतिमा लगाने की मांग उठी. जिसके बाद 23 जनवरी 1975 को एडवर्ड पार्क का नाम बदलकर बोस के नाम पर रखा गया, और तत्कालीन उपराष्ट्रति बी.डी. जत्ती ने पार्क में बोस की प्रतिमा का अनावरण किया. इस तरह पूरे पार्क को आजादी के बाद की राष्ट्रीय पहचान में ढाल दिया गया.
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