Delhi Chunav 2025: तीन बार से लगातार दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी विश्वासनगर नगर में जीत का स्वाद नहीं चख सकी है. बीजेपी का गढ़ मानी जानेवाली पूर्वी दिल्ली की विश्वास नगर सीट पर आप अब तक खाता नहीं खोल पाई है. 2008 में हुए परिसीमन से पहले विश्वास नगर सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी. परिसीमन के बाद विश्वास नगर विधानसभा बीजेपी का मजबूत किला बन गया. 2015 और 2020 में चली आम आदमी पार्टी की आंधी भी मबजूत किले को नहीं डिगा पाई.
पिछले तीनों चुनाव में बीजेपी के टिकट पर ओम प्रकाश शर्मा विधायक चुने गए. उन्होंने 2013 में कांग्रेस के नसीब सिंह को 13 हजार वोटों से हराया था. 2015 में आम आदमी पार्टी की दीपा दांडा को 15 हजार वोटों से और 2020 में आम आदमी पार्टी के रोहित कुमार को 16 हजार वोटों से पटखनी दी. पिछले 10 वर्षों से बीजेपी लगातार विश्वास नगर में जीत का परचम लहराती आ रही है. दो विधानसभा चुनावों में बीजेपी को कड़ी चुनौती मिलने के बावजूद आप विश्वास नगर सीट जीत नहीं सकी. कांग्रेस ने भी मजबूत दावेदारी पेश की है.
क्या AAP- कांग्रेस तोड़ेंगे BJP का किला?
एक चुनाव में कांग्रेस दूसरे नम्बर पर रही. विश्वास नगर में इस बार का विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है. गौरतलब है कि विश्वास नगर मिक्स आबादी वाला इलाका है. पॉश कॉलोनियों के साथ-साथ झुग्गी बस्तियां और स्लम एरिया भी हैं. विश्वास नगर की आबादी में विभिन्न जातियों और समुदायों का मिश्रण है. ब्राह्मण, बनिया, पंजाबी और जाटव समुदाय का अनुपात 15 से 17 प्रतिशत के आसपास है. मुस्लिम आबादी भी लगभग 5 प्रतिशत है. विश्वास नगर में पीने का साफ पानी और सीवर जाम की समस्या से लोग सबसे ज्यादा परेशान हैं.
क्या है विश्वास नगर में प्रमुख चुनावी मुद्दे?
झुग्गी बस्तियों और क्लस्टर एरिया में बोरिंग के पानी से लोगों को काम चलाना पड़ रहा है. सीवर और नालों की सफाई न होने के कारण जलभराव का सामना करना पड़ता है. इलाके में सफाई व्यवस्था का भी बुरा हाल है. खासकर स्लम एरिया और कॉलोनियों में कूड़े और गंदगी की वजह से लोगों को काफी दिक्कत होती है. सड़कों पर ट्रैफिक कंजेशन, अतिक्रमण, मार्केट एरिया में पार्किंग की दिक्कत है. विश्वास नगर में वोटों का ध्रुवीकरण मुद्दों, वादों, चेहरों और राजनीतिक दलों के आधार पर होता रहा है. पॉश इलाकों में अच्छी वोटिंग होती है.
ऐसे में वोटिंग का पैटर्न दूसरे पॉश इलाकों से थोड़ा अलग रहता है. पिछले चुनावों का आंकलन करने पर बीजेपी को विश्वास नगर में 38 से 52 प्रतिशत तक वोट मिला है. कांग्रेस का वोट प्रतिशत 48 से 61 पर्सेंट तक रहा है. यानी विजेता को आमतौर पर सभी वर्ग के लोगों का वोट मिलता है.
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