दिल्ली चुनाव में AI के दुरुपयोग ने बढ़ाई चिंता, साइबर एक्सर्ट्स ने चुनाव आयोग से की ये मांग
Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल देखने को मिल रहा है. साइबर एक्सपर्ट ने चुनाव आयोग से तकनीक के दुरुपयोग पर सख्त नियम बनाने की मांग की.
Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल देखने को मिल रहा है. तमाम राजनीतिक दल एआई जनरेटेड वीडियो से एक दूसरे पर हमलावर हैं. एआई की मदद से बॉलीवुड फिल्म्स, वेब सीरीज के किरदार पर नेताओं की तस्वीर लगाकर मीम कंटेंट बनाया जा रहा है. साइबर एक्सपर्ट्स ने दिल्ली चुनाव में एआई के दुरुपयोग का मुद्दा उठाया है. उन्होंने एआई की मदद भ्रामक कंटेट परोसे जाने पर चिंता जाहिर की.
साइबर लॉ एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने चुनाव आयोग से तकनीक के दुरुपयोग की रोकथाम पर सख्त नियम बनाने की मांग की है. उन्होंने बताया कि एआई का इस्तेमाल कर राजनीतिक पार्टियां वोटर के फैसले लेने की क्षमता को प्रभावित करना चाहती हैं. एआई संचालित कैंपेन लोकतंत्र की जड़ों में पानी डालने का काम करेगा. तकनीक का दुरुपयोग नहीं रुकने पर आने वाले समय में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव मुश्किल हो जाएगा. चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि एआई की गाइडलाइंस बनाए. चुनाव की घोषणा के बाद आम आदमी पार्टी की ओर से सोशल मीडिया हैंडल पर एआई संचालित वीडियो पोस्ट होते हैं.
AI के इस्तेमाल से क्या लोकतंत्र को है खतरा?
बीजेपी की आलोचना करते हुए एआई जनरेटेड वीडियो में प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को दिखाया जाता है. आप के जवाब में बीजेपी भी दिल्ली सरकार को निशाना साधने वाले एआई संचालित वीडियो जारी करती है. वीडियो में फिल्मों के किरदार पर अरविंद केजरीवाल से लेकर मनीष सिसोदिया का चेहरा लगाया जाता है. बैकग्राउंड में अरविंद केजरीवाल की मिमिक्री करती हुए आवाज भी सुनाई पड़ती है. साइबर एक्सपर्ट्स कहते हैं कि एआई संचालित विज्ञापनों ने चुनाव प्रचार की नैतिक सीमाओं पर भी बहस छेड़ दी है.
साइबर एक्सपर्ट्स की चुनाव आयोग से मांग
उन्होंने कहा कि तकनीक के दुरुपयोग से गलत सूचना फैलाकर मतदाताओं का दिमाग भ्रमित किया जा सकता है. बीजेपी नेता भी मानते हैं कि चुनाव में तकनीक का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए. बीजेपी के सोशल मीडिया हैंडल से एआई जनरेटेड पोस्ट देखे जा सकते हैं. सांसद मनोज तिवारी ने आम आदमी पार्टी पर एआई के दुरुपयोग वाले विज्ञापन शुरू करने का आरोप लगाया. साइबर एक्सपर्ट्स कहते हैं कि एआई के दुरुपयोग को रोकने का देश में कानून नहीं है. साइबर सिक्योरिटी कानून की भी आवश्यकता है. आईटी कानून एआई के दुरुपयोग पर मौन है. जानकार कहते हैं कि तकनीक को नियंत्रित किया जा सकता है. ऐसे में चुनाव आयोग एआई के इस्तेमाल की सीमा का गाइडलाइन्स तैयार करे.
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