Delhi Election 2025: प्रत्याशी सोशल मीडिया पर लुटा रहे पैसा, बैनर पोस्टर की दुकानें वीरान
Delhi Assembly Election 2025: साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ अमित दुबे के मुताबिक डिजिटली प्रचार पार्टियों के लिए आसान हो गया है तो चुनाव आयोग के लिए सोशल मीडिया और डिजिटल पर खर्च की निगरानी करना ईजी है.
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Delhi Election Canpaign 2025: दिल्ली में चुनाव प्रचार अब चरम पर पहुंच गया है, लेकिन इस बार का चुनाव काफी अलग है. सियासी दल बैनर, पोस्टर और झंडों से ज्यादा सोशल मीडिया में छाने के लिए पैसा लुटा रहे हैं. सियादी दलों के प्रत्याशी सोशल मीडिया पर तो करोड़ों रुपए प्रचार पर खर्च कर चुके हैं, लेकिन बैनर, पोस्टर, झंडे और पट्टे की दुकानें अभी भी वीरान हैं.
एबीपी न्यूज के पास मौजूद आकंड़ों के मुताबिक दिल्ली चुनाव के प्रचार प्रसार में पिछले एक महीने में राजनैतिक दल 8 करोड़ से ज्यादा रुपए फूंक चुके हैं. जिसमें गूगल पर दिल्ली में चुनाव प्रचार पर राजनैतिक पार्टियों ने 4 करोड़ 74 लाख से ज्यादा रुपए खर्च किए तो फेसबुक पर दिल्ली चुनाव को लेकर 3 करोड़ 81 लाख से ज्यादा रुपए खर्च हो चुके हैं.
गूगल के आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक महीने में बीजेपी ने दिल्ली चुनाव को लेकर गूगल पर 3 करोड़ 82 लाख रूपये खर्च किए तो मेटा के मुताबिक फेसबुक पर बीजेपी ने 1 महीने में प्रचार पर 1 करोड़ 73 लाख रुपए खर्च किए हैं. चुनाव के ऑनलाइन प्रचार में बीजेपी से आम आदमी पार्टी भी पीछे नहीं है.
फेसबुक के मुताबिक आम आदमी पार्टी और उससे जुड़े अकाउंट पिछले 30 दिनों में 2 करोड़ से रुपए प्रचार प्रसार पर खर्च कर चुके हैं, तो गूगल के डाटा के मुताबिक 64 लाख रुपए गूगल पर विज्ञापन के लिए खर्च कर चुकी है..
इसके उलट, दिल्ली के सदर बाजार में स्थित बैनर, पोस्टर, पट्टे और बिल्ले की दुकानें वीरान पड़ी हैं. सदर बाजार के दुकानदारों ने बताया कि पहले चुनावों में एक विधानसभा से तकरीबन 2 करोड़ का प्रचार सामग्री का ऑर्डर आता था तो अब ऑर्डर कम होकर एक विधानसभा से सिर्फ 1800 से 2 हजार का ही आ रहा है. यह हाल तब है की जबकि प्रचार सामग्री की कीमत आधी रह गई है.
सदर बाजार में साल 1977 से चुनावी प्रचार सामग्री की थोक दुकान चला रहे हरि मिश्रा के मुताबिक यह सब सोशल मीडिया की देन है. वरना पहले ट्रकों से प्रचार सामग्री जाती थी लेकिन अब कोई पूछ ही नहीं रहा है. प्रचार सामग्री विक्रेताओं की मानें तो साल 2020 से चुनावों में झंडा, पट्टा, बैनर, पोस्टर, कटआउट की बिक्री कम हुई थी. अब तो हाल यह है कि यह बिक्री 4 गुना से 9 गुना तक कम हो चुकी है.
किसने, किस पर कितने किए खर्च?
दरअसल, लोकसभा चुनाव में जहां भारत की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने दिल्ली में ऑनलाइन चुनाव प्रचार पर 4 करोड़ से जायदा रुपए खर्च किए थे तो प्रचार सामग्री जैसे झंडा बैनर, पोस्टर पर दिल्ली कांग्रेस का खर्च सिर्फ 2 लाख 11 हजार रुपए था. इसी तरह बीजेपी ने 5 करोड़ रुपए अकेले दिल्ली में सोशल मीडिया पर प्रचार पर खर्च किए थे. साल 2020 के आकंड़ों की बात करें तो दिल्ली चुनाव में बीजेपी ने 26 करोड़ रुपए टीवी और डिजिटल प्रचार पर खर्च किए थे तो महज 1 करोड़ रुपए झंडे बैनर पोस्टर और पट्टे पर, आप ने भी 2020 के दिल्ली चुनाव में 5 करोड़ 92 लाख रुपए टीवी और डिजिटल प्रचार पर खर्च किए तो 2 करोड़ से कुछ ज्यादा रुपए बैनर पोस्टर पट्टे पर. कांग्रेस ने भी इसी ट्रेंड को फॉलो करते हुए 14 करोड़ रूपये टीवी और डिजिटल प्रचार पर खर्च किए थे तो सिर्फ 1 करोड़ रूपये बैनर पोस्टर और झंडे पर.
डिजिटली चुनाव प्रचार आसान
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ अमित दुबे की माने तो चुनाव में डिजिटल प्रचार प्रसार से जहां पार्टियों के लिए प्रचार आसान हो गया है तो चुनाव आयोग के लिए सोशल मीडिया और डिजिटल पर खर्च की निगरानी करना आसान हुआ है. इससे चुनाव में deepfake और AI वीडियो जैसी परेशानियां भी सामने खड़ी हो गई हैं.
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