Delhi News: बीजेपी प्रदेश अध्य़क्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दावा किया कि अरविंद केजरीवाल के आवास में सौंदर्यीकरण में 75-80 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि पीडब्ल्यूडी विभाग जो कि सरकारी एजेंसी है वो इस बंगले में निजी संस्था के रूप में काम कर रही थी. जिस तरह से PWD के अधिकारियों ने सभी फाइलों पर साइन किए हैं ये गिव एंड टेक का मामला है. अधिकारियों को भी लूटने का मौका दिया गया. सीएम की हैसियत के हिसाब से उच्च श्रेणी का मकान उनके लिए चुना गया.
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, ''CAG रिपोर्ट में 2023 और 2024 का खुलासा होना बाकी है. CAG रिपोर्ट में हाउस कैटिगरी तय करने को लेकर सवाल है,किसने इसे CM हाउस घोषित किया ? CAG की रिपोर्ट में बारीकी से डीटेल में रिपोर्ट दी गई है. CAG 139 सवाल खड़े किए हैं, दिल्ली नगर निगम और DUAC की इजाज़त के बिना बना कैसे लिया ? इस बंगले की वास्तविक कीमत का अंदाजा लगाना है तो अनेक सरकारी खातों की जांच करनी होगी.''
अभी तो 2023-24 पर खुलासा बाकी है - वीरेंद्र सचदेवा
सचदेवा ने कहा, ''2022 तक 33 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. CAG की रिपोर्ट 2022 तक की है. अब इन्वेंटरी का क्या करें? अभी तो 2023 और 2024 खुलना है. केजरीवाल को दिल्ली की जनता को जवाब देना होगा कि ये पैसे कहां से आए. ये शराब घोटाले से आया है? नकली दवाई बेच कर या स्कूल के घोटालों से आए.''
आबादी नियमित करने की फाइल केजरीवाल ने दबाई - रामवीर बिधूड़ी
उधर, बीजेपी सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने केजरीवाल पर हमला करते हुए कहा, ''दिल्ली के जितने भी गांव हैं उनकी एक्सटेंडेड आबादी को नियमित करने का फैसला लिया गया. दिल्ली देहात के सैकड़ों गांव, पदाधिकारियों ने प्लान जमा कर दिया लेकिन केजरीवाल अब तक फाइल को दबा कर बैठे हैं. उसको इंप्लीमेंट क्यों नहीं किया गया ? ''
केजरीवाल को रामवीर सिंह ने दी चुनौती
उन्होंने आगे कहा कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी की ओर से तय की जाएगी वहां मैं डिबेट के लिए आ जाऊंगा, आज जो सच्चाई सामने रखने जा रहा हूं और अगर थोड़ी भी झूठ है तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा और दिल्ली देहात के मुद्दों पर मैं उन्हें चुनौती देता हूं.दिल्ली में सैकड़ों सड़के हैं जो दिल्ली देहात में स्थित हैं. इन सभी सड़कों को कमर्शियल घोषित करने की मांग की थी. केजरीवाल आज तक उस फाइल को क्यों रख कर बैठे हैं?