Electric Vehicle in Delhi: दिल्ली में अब Pollution पर लगेगी रोक, डिलीवरी सेवाओं में इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल होगा अनिवार्य
दिल्ली में प्रदूषण की समस्या को खत्म करने के लिए केजरीवाल सरकार ने एग्रीगेटर नीती का मसौदा तैयार किया है. इसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद अनिवार्य होगी.
Electric Vehicle in Delhi: दिल्ली की जनता की समस्याओं की लिस्ट में एक समस्या जो सबसे ज्यादा गंभीर है वो है वायु प्रदूषण (Air Pollution) जिसे देखते हुए दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने प्रदूषण को कम करने के लिए एग्रीगेटर नीति (Aggregator Policy) को सार्वजनिक कर दिया है. गौरतलब है कि बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए नीति का मसौदा (Draft) तैयार किया गया है.
एग्रीगेटर (Aggregator Policy) योजना में क्या होगा?
प्रदूषण कम करने के लिए इस नीति के तहत राइड एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवाओं को नए वाहनों की खरीद के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद अनिवार्य होगी. इसी के साथ बता दें कि दिल्ली देश में पहला राज्य है जिसने यह कदम उठाया है. इस नीति को लेकर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में ऐसी दूरदर्शी नीतियों को लागू करने में नागरिकों को शामिल करना जारी रखेगी. उन्होंने सभी से नीति के लिए अपनी प्रतिक्रिया और टिप्पणियां भेजने में सक्रिय रूप से शामिल होने का अनुरोध किया.
प्रदूषण कैसे होगा काम ?
इस नीति के जरिए सरकार ने 2024 तक वायु प्रदूषण को 30 फीसदी तक कम करने का टारगेट रखा है, एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवाओं को अगले 3 महीनों में सभी नए दोपहिया वाहनों में से 10 फीसदी और सभी नए चार पहिया वाहनों में से 5 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहन सुनिश्चित करने की आवश्यकता होगी. एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवाओं को मार्च 2023 तक सभी नए दोपहिया वाहनों का 50 फीसदी और सभी नए चार पहिया वाहनों में से 25 फीसदी इलेक्ट्रिक सुनिश्चित करना होगा.
जनता के मांगे सुझाव
इस नीति को ले कर सरकार ने जनता से भी सुझाव मांगने का फैसला किया है,14 जनवरी 2022 को इस वेबसाइट पर http://it.delhigovt.nic.in/pis/noc/egazettes.asp पर जा कर जनता अगले 60 दिनों तक अपने सुझाव और आपत्ति बता सकती है.
नीति में क्या होगा काम
दिल्ली सरकार की इस नीति के तहत, एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवाओं को अगले 3 महीनों में सभी नए ऑनबोर्ड दोपहिया वाहनों में से 10 फीसदी और सभी नए ऑनबोर्ड चार पहिया वाहनों में से 5 फीसदी इलेक्ट्रिक सुनिश्चित करने की आवश्यकता होगी, जबकि मार्च 2023 तक 50 फीसदी दोपहिया और 25 फीसदी चौपहिया वाहनों को इलेक्ट्रिक करना है.
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