Delhi News: राजधानी दिल्ली में बिजली महंगी होने को लेकर अब सियासी संग्राम छिड़ चुका है. दरअसल, दिल्ली में पावर परचेज एग्रीमेंट कास्ट  ( PPAC ) के तहत 10% बिजली महंगी होने के बाद बाद सभी प्रमुख सियासी दलों ने इसके लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है. दिल्ली की उर्जा मंत्री आतिशी ने इस मामले पर केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा है कि यह केंद्र सरकार की मिसमैनेजमेंट का नतीजा है. जिसकी वजह से राजधानी दिल्ली में बिजली महंगी हो रही है. देश में कोयला का शॉर्टेज हो चुका है जिसकी वजह से हमें कोयला बाहर से इंपोर्ट करना पड़ रहा है.


'राजधानी की जनता पर डाला एक और बोझ'
बीजेपी प्रवक्ता खेमचंद शर्मा ने एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान पीपीएसी (पावर परचेज एग्रीमेंट कॉस्ट) के माध्यम से बिजली बिल में बढ़ोतरी को लेकर केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा और कहा कि बीजेपी यह मांग करती है कि दिल्ली सीएम इस बढ़े हुए अतिरिक्त शुल्क को तुंरत वापस लें. दिल्ली की जनता पर केजरीवाल सरकार ने एक और बोझ डाल दिया है और जो सरकार कहा करती थी कि हमने बिजली बिल माफ कर दिया है, वह आज बिजली के बोझ तले दिल्लीवालों को दबा रही है. बीजेपी प्रवक्ता शर्मा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल केजरीवाल एक शातिर मुख्यमंत्री हैं, दरें बढ़ाकर उन्हें झूठ क्या बोलना इसकी भी मंथन वे अपने मंत्रियों के साथ कर लेते हैं.


'दिल्लीवालों के साथ सीधा धोखा हुआ'
खेमचंद शर्मा ने कहा कि पीपीएसी जो हर बिजली उपभोक्ता को देना पड़ता है. दिल्ली में पहले यह 22 फीसदी था और अब 29 फीसदी कर दिया गया और जब इस पर सवाल किया गया तो आम आदमी पार्टी के मुखिया कह रहे हैं कि सर्दी में बिजली खपत थोड़ी कम हो जाती है. जबकि गर्मी में बढ़ जाती है. यानी आप गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं. बीजेपी प्रवक्ता का कहना है कि हमारा दिल्ली सरकार से एक सवाल है कि जून 2022 में 16 फीसदी से जब 22 फीसदी पीपीएसी किया गया था तो क्या ठंड दिल्ली में आई ही नहीं, क्योंकि उसके बाद से बढ़ी हुई दर कम क्यों नहीं हुई. ये तो दिल्ली वालों के साथ सीधा धोखा हुआ. 2022 में पीपीएसी गर्मी में बढ़ा तो ठंड में घटाया क्यों नहीं और अब फिर उसे भी बढ़ा दिया गया.


कांग्रेस ने क्या कहा?
वहीं इस मामले पर कांग्रेस पार्टी ने भी आम आदमी पार्टी की नीतियों पर सवाल उठाया है. दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि जवाबदेही से बचने के लिए आम आदमी पार्टी केंद्र सरकार पर आरोप मढ़ रही है और यहां दोनों सरकार अपनी अपनी जवाबदेही और जिम्मेदारी से बच रहे हैं. जबकि दिल्ली सरकार बिजली बिल बढ़ोतरी की मदद से निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाकर दिल्ली की जनता को लूटना चाहती है.


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