Delhi Electricity Bill News: दिल्ली में पिछले 10 सालों से कम दाम में बिजली ले रहे दिल्लीवासियों को इस बार का बिल देखकर जोर का झटका लगा है. इस बार बिजली के बिल दो-तीन गुना आए हैं. ऐसे में दिल्ली में बिजली के बिलों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो इस बार बिजली के बिल इतना ज्यादा आए. वहीं इस बीच अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री आतिशी का कहना है कि राजधानी में बिजली के बिल नहीं बढ़े हैं, बल्कि भारतीय जनता पार्टी इस बारे में भ्रम फैला रही है.
दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा कि "बीजेपी पिछले कई दिनों से भ्रम फैला रही है कि दिल्ली सरकार ने बिजली के दाम, PPAC बढ़ा दिए गए हैं. बीजेपी की समस्या यह है कि जहां-जहां उनकी सरकारें हैं, वहां सबसे महंगी बिजली मिलती है. वह खुद अपने राज्य की समस्याओं का समाधान नहीं कर पा रहे हैं और दिल्ली सरकार पर झूठे आरोप लगा रहे हैं."
यह कोई नया प्रावधान नहीं है- आतिशी
उन्होंने कहा कि DERC के निर्देश में साफ कहा गया है कि सितंबर तक PPAC चार्ज नहीं बढ़ाए जाएंगे. डिस्कॉम के पास यह प्रावधान है कि अगर गर्मियों में बिजली की पीक डिमांड होती है और खासकर जब उन्हें ज्यादा कीमत पर बिजली खरीदनी पड़ती है, तो उस दौरान वो शॉर्ट टर्म बेसिस पर PPAC में 7.5% तक की बढ़ोतरी कर सकते हैं. यह कोई नया प्रावधान नहीं है, यह 10 साल से भी ज्यादा समय से है.
आतिशी ने आगे कहा कि अक्सर गर्मियों में, क्योंकि हम बिना कनेक्शन काटे बिजली देते हैं, डिस्कॉम 1-2 महीने के लिए अपने PPAC चार्ज में 7% तक की बढ़ोतरी कर देते हैं, लेकिन दिल्ली सरकार या DERC की तरफ से बिजली के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं, इसलिए बीजेपी को भ्रम नहीं फैलाना चाहिए.
बीजेपी ने लगाया ये आरोप
दरअसल, बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दिल्ली सरकार पर गरीबों की जेब काटने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि यूनिट की दर भले ही कम की हुई हों, लेकिन दूसरे तरीके से पैसे वसूला जा रहा है. पूर्व मंत्री और दिल्ली बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि उनके घर का 25 दिन का बिजली बिल 19,000 रुपये आया है.
अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि गर्मी में ज्यादा कंज्यूम करने से बिजली बिल नहीं बढ़े, बल्कि यह PPAC के कारण यह बिल बढ़ रहे हैं. 10 साल के बाद भी बिजली कंपनी का ऑडिट नहीं किया गया है. लवली ने कहा कि दिल्ली सरकार लोगों को जेल से ही लूट रही है.