दिल्ली में बढ़ते तापमान की वजह से गर्मी भी काफी बढ़ रही है. इसका सीधा असर अब बिजली कंपनियों पर भी पड़ने लग रहा है, बिजली कंपनियों का मानना है कि मार्च महीने में इस गर्मी को देख अनुमान लगाया जा सकता है कि बिजली की डिमांड काफी बढ़ेगी. दिल्ली में बढ़ती गर्मी को देख अनुमान लगाया जा रहा है कि बिजली की अधिकतम मांग आठ हजार मेगावाट से ऊपर जा सकती है.


बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) की मानें तो इस गर्मी में दिल्ली में बिजली की सबसे ज्यादा मांग 8,000 मेगावाट को पार कर सकती है. पिछले साल दिल्ली में पीक डिमांड 7323 मेगावाट थी. बिजली विभाग के एक अधिकारी के नाम न छापने की शर्त पर कहा कि पिछले साल की तुलना में बिजली की खपत में लगभग 285 प्रतिशत की वृद्धि होगी. साल 2002 में बिजली की मांग 2,879 मेगावाट थी. अगर इस तरह की गर्मी दिल्ली में रही तो शहर में बिजली खपत की मांग 8,000 मेगावाट के पार पहुंच सकती है.  


अगर पिछले साल 2021 में दिल्ली में बिजली खपत की बात करें तो वह 7,323 मेगावाट रही जो पिछले रिकॉर्ड के मुकाबले सबसे अधिक मांग दर्ज की गई थी. दिल्ली में अब तक की सबसे अधिक बिजली की मांग साल 2019 में थी, इस समय 7,409 मेगावाट बिजली की खपत रही थी.साल 2020 में गर्मियों के समय में दिल्ली में 6,314 मेगावाट की मांग रही थी.


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डिस्कॉम के अनुसार सोमवार को दिल्ली में 4,095 मेगावाट बिजली की मांग थी जो सबसे अधिक रही. इसके साथ ही इस साल के क्षेत्रवार गर्मी के अनुमान के अनुसार दक्षिण और पश्चिमी दिल्ली में बिजली की अधिकतम खपत 3,500 मेगावाट तक पहुंचने की संभावना है. क्योंकि साल 2021 और 2020 की गर्मियों के दौरान इन क्षेत्रों में 3,118 मेगावाट और 2,815 मेगावाट की मांग दर्ज की गई थी.


बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (बीआरपीएल) दक्षिण और पश्चिमी दिल्ली को बिजली की आपूर्ति करती है. वहीं उत्तरी दिल्ली में डिस्कॉम टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टाटा पावर-डीडीएल) द्वारा बिजली की आपूर्ति की जाती है. इस इलाके में करीब 70 लाख की आबादी रहती है.