Delhi Electricity Subsidy News: दिल्ली (Delhi) में लोगों को अगले महीने से बिजली बिल के साथ एक फॉर्म भी मिलेगा, जिसमें उन्हें बिजली सब्सिडी प्राप्त करने के लिए विकल्प को चुनना होगा. दिल्ली की केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) इसे एक अक्टूबर से लागू करने जा रही है. ऐसे में बिजली पर सब्सिडी सिर्फ उन लोगों को ही मिलेगा, जो इसके लिए आवेदन करेंगे. इस बीच राज्य बिजली विभाग ने वितरण कंपनियों के साथ बैठक की, जिसमें उपभोक्ताओं को अलग से फॉर्म देने के बजाय बिजली बिलों के साथ में ही अटैच करने का निर्णय लिया गया.


इस फॉर्म में उपभोक्ताओं को अपना वोटर आईडी नंबर, फोन नंबर, सीए नंबर और पता भरना होगा और इसे अपने बिजली वितरक के जोनल सेंटर में जमा करना होगा. जिन उपभोक्ताओं को पेपर बिल प्राप्त नहीं होते हैं, उन्हें एक ई-मेल अटैचमेंट प्राप्त होगा जो एक ऑनलाइन फॉर्म होगा. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में सभी घरेलू उपभोक्ताओं में से लगभग 40 प्रतिशत अभी भी ऑफलाइन बिल भरते हैं, इसलिए सीएम केजरीवाल के संदेश के साथ फॉर्म को बिल के साथ अटैच किया जाएगा.


अक्टूबर से सब्सिडी लेने के लिए इस महीने तक जमा करना होगा फॉर्म


उन्होंने बताया कि ई-बिल की सदस्यता लेने वाले उपभोक्ताओं को एक अतिरिक्त अटैचमेंट मिलेगा, जहां उन्हें ऑनलाइन फॉर्म का लिंक दिया जाएगा, वे इसे ऑनलाइन भरकर जमा कर सकते हैं, लेकिन जो लोग ऑफलाइन बिल भरते हैं, उन्हें डिस्कॉम के नजदीकी जोनल केंद्रों पर भरे हुए फॉर्म जमा करने होंगे. अधिकारियों ने कहा कि सितंबर के अंत तक अपने फॉर्म जमा नहीं करने वाले लोगों को अक्टूबर से सब्सिडी नहीं मिलेगी, लेकिन फॉर्म जमा करने की खिड़की खुली रहेगी और कोई भी कभी भी फिर से विकल्प चुन सकता है और उनकी सब्सिडी उनके आवेदन को स्वीकार करने की तारीख से फिर से शुरू हो जाएगी.


इतने उपभोक्ताओं को मिलती है 800 रुपये की सब्सिडी


गौरतलब है कि 2015 से दिल्ली के घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को दो ब्रैकेट में सब्सिडी मिली है. सबसे पहले जो लोग एक महीने में 200 यूनिट तक बिजली का उपयोग करते हैं, उन्हें 100 प्रतिशत छूट दी जाती है. दूसरा 201 से 400 यूनिट का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं को 800 रुपये तक की सब्सिडी मिलती है. औसतन दिल्ली के 5,818,231 बिजली उपभोक्ताओं में से लगभग 90 प्रतिशत या 3,039,766 को हर महीने शून्य बिल मिलता है और 1,659,976 को 800 रुपये की सब्सिडी मिलती है.


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सीएम केजरीवाल ने 5 मई को की थी घोषणा


इससे पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने 5 मई को कहा था कि अक्टूबर से सिर्फ उन लोगों को बिजली सब्सिडी मिलेगी, जो इसे लेना चाहते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए फॉर्म का पहला मसौदा सोमवार को तैयार किया गया और इसमें सीएम अरविंद केजरीवाल की तस्वीर के साथ एक संदेश शामिल होगा, जिसमें उपभोक्ता को 2015 से अब तक उपभोक्ता की तरफ प्राप्त कुल सब्सिडी के बारे में सूचित किया जाएगा.


फॉर्म में ये लिखा होगा


संदेश में लिखा होगा, "प्रिय ग्राहक, 2015 से, जब नई सरकार बनी थी, आपने अपने बिजली बिलों में ₹_____की छूट का लाभ उठाया है. अब यह तय किया गया है कि 1 अक्टूबर 2022 से सब्सिडी सिर्फ उन्हीं लोगों को दी जाएगी जो इसका विकल्प चुनते हैं. यदि आप सब्सिडी प्राप्त करना जारी रखना चाहते हैं, तो कृपया नीचे दिए गए फॉर्म को भरें और बताए गए पते पर जमा करें, आपका अरविंद केजरीवाल."


कुल 4,716,075 उपभोक्ताओं को मिलती है सब्सिडी


फॉर्म भी उपभोक्ता की तरफ से दिल्ली सरकार को धन्यवाद के साथ शुरू होगा. जिसमें लिखा होगा, "आदरणीय मुख्यमंत्री जी, आज तक हमारे बिजली बिलों में हमें जो छूट दी गई, उसके लिए मैं आपका धन्यवाद करता हूँ. मुझे वह सब्सिडी चाहिए जो मुझे जारी रखने के लिए मिल रही है. मैं इसके लिए आपका आभारी रहूंगा." दिल्ली सरकार पांच श्रेणियों के उपभोक्ताओं को बिजली सब्सिडी प्रदान करती है- घरेलू उपभोक्ता (4.69 मिलियन), सिख विरोधी दंगा पीड़ित (758 उपभोक्ता), कृषि उपभोक्ता (10,676), और वकील (4,899) जिनके कक्ष अदालत परिसर के भीतर हैं. सभी श्रेणियों को मिलाकर कुल 4,716,075 उपभोक्ताओं को सब्सिडी मिलती है.


सब्सिडी योजना की वजह से इतना बढ़ा सरकार का खर्च


बिजली सब्सिडी योजना पर सरकार का खर्च 2015-16 के पहले साल से 2022-23 तक 125.26 फीसदी बढ़ गया है. आप सरकार के पहले वर्ष (2015-16) में जारी की गई सब्सिडी की राशि ₹1,442.76 करोड़ थी, जो 2020-21 में बढ़कर ₹2,939.99 करोड़ हो गई. 2022-23 के लिए सरकार ने बिजली सब्सिडी के लिए लगभग 3,250 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.


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