दिल्ली में बिजली की दरें बढ़ने पर इंडिया गठबंधन की साथी कांग्रेस-आप में छिड़ी रार, PPAC के नाम पर लूट का आरोप
Delhi Politics: दिल्ली में बिजली दरों में इजाफे पर कांग्रेस ने आप के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि PPAC की आड़ में बिजली कंपनियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है.
Delhi News Today: दिल्ली में बिजली की दरों पर लगाए गए पीपीएसी और पेंशन ट्रस्ट के चार्जेस से लोगों के बिल डेढ़ से दोगुना तक बढ़ गए हैं, जिसे लेकर दिल्ली के लोग परेशान हो रहे हैं. इसको लेकर विरोधी दल लगातार आप पर निशाना साध रहे हैं.
आज शनिवार (13 जुलाई) को सचिवालय के बाहर बीजेपी द्वारा इस मामले में किये गए विरोध प्रदर्शन के बाद अब कांग्रेस पार्टी ने भी आप सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस ने बिजली समेत पानी, जल भराव, शिक्षा, स्वास्थ्य, महंगाई, बेरोजगारी जैसे मोर्चों पर आप सरकार को विफल करार दिया है.
'बिजली कंपनियों को पहुंचाया जा रहा फायदा'
बिजली के बढ़े हुए बिलों पर केजरीवाल सरकार को घेरते हुए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि बिजली दरों में बढ़ोत्तरी से कोई अछूता नहीं है. पीपीएस के नाम पर लूट का असर दिल्ली की डेढ़ करोड़ जनता पर सीधे तौर पर पड़ रहा है.
उन्होंने केजरीवाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, "बिजली बिलों पर पीपीएसी की आड़ में बिजली कम्पनियों को पहुंचने वाले फायदे का ऑडिट हो, जिससे जनता से लूट कर किसे फायदा पहुंचाया जा रहा है, इस भ्रष्टाचार का जनता के सामने खुलासा हो सके."
'पीपीएसी की बढ़ी दरें को वापस ले सरकार'
इस दौरान देवेंद्र यादव ने बीजेपी को भी आड़े-हाथों लेते हुए कहा, "आम आदमी पार्टी और बीजेपी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, जो दिल्ली की जनता से जुड़ी समस्याओं का हल निकालने की जगह एक दूसरे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और नूरा कुश्ती कर रहे हैं. जबकि दिल्ली की जनता की बर्बाद हो रही है." उन्होंने जनता के हित में सरकार से मांग की है कि तत्काल प्रभाव से पीपीएसी की दरों की 8.75 फीसदी की बढ़ोत्तरी को वापस लें.
'बिजली दर को बढ़ाने की जगह लगाया PPAC'
देवेंद्र यादव ने कहा, "जहां 2015 में बिजली बिल पर पीपीएसी 1.7 फीसदी था, अब वह 37 फीसदी वसूला जा रहा है और बढ़ाए गए 8.7 फीसदी के बाद उपभोक्ताओं से बिजली बिलों पर 46 फीसदी पीपीएसी वसूला जाऐगा."
उन्होंने कहा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार बिजली की दरों में वृद्धि न करके हर वर्ष पीपीएसी में बढ़ोत्तरी कर रही है, जिससे लोगों पर अत्यधिक आर्थिक बोझ पड़ रहा है.
उन्होंने कहा, "कांग्रेस सरकार के समय 2 महीने का बिजली बिल लोगों की जेब के अनुसार आता था, लेकिन आज बिल 28-30 दिनों का होता है. उस पर भी लोगों को जेब काटने वाले हजारों रुपये के बिल आ रहे हैं."
'पीपीएसी से वसूला जा रहा अतिरिक्त पैसा'
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा, "जब कांग्रेस की दिल्ली सरकार ने बिजली का निजीकरण किया था, तब अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि बिजली का निजीकरण करके बिजली कंपनियों के साथ भ्रष्टाचार किया है. इसके उलट पिछले 10 साल से केजरीवाल सरकार ने बिजली निजीकरण के सभी नियमों में फेरबदल करके हर चीज का भुगतान जनता से पीपीएसी के अंतर्गत वसूला जा रहा है."
बिजली कंपनियों के ऑडिट पर सवाल
उन्होंने कहा कि सरकार डीईआरसी और बिजली कंपनियों के बीच हुए समझौते में सेवानिवृत कर्मचारियों को पेंशन का पैसा डीईआरसी बिजली कम्पनियों से लेकर देगी, जिसमें कुछ प्रतिशत सरकार को देना था. दूसरी तरफ पेंशनधारियों को दी जाने वाली राशि 100 फीसदी बिजली उपभोक्ताओं से वसूली जा रही है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने सवाल खड़ा करते हुए कहा, "क्यों बिजली कंपनियों के ऑडिट की कैग रिपोर्ट में आए भ्रष्टाचार और बिजली कंपनियों की अनियमितताओं को सामने नहीं आने दिया जा रहा. जबकि कैग बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार के आधीन विभाग है.
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