Delhi Electricity Subsidy: BJP ने उठाई दिल्ली में वापस फ्री बिजली सब्सिडी देने की मांग, AAP से पूछ डाले 5 सवाल
Delhi Electricity Subsidy News: वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि सीएम जवाब दें कि पावर सब्सिडी से जुड़ी फाइल जो कैबिनेट में 4 अप्रैल को स्वीकृत हो गई थी, उसे एलजी को 11 अप्रैल को क्यों भेजा?
BJP On Delhi Electricity Subsidy: दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा (Virendraa Sachdeva) ने शुक्रवार को कहा कि आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) झूठ, भ्रम और अफवाह फैलाने के सिद्धांत पर बनी पार्टी है. उन्होंने कहा कि शुक्रवार को फिर ऊर्जा मंत्री आतिशी (Atishi) ने अपनी पार्टी की इन्हीं तीनों कालाओं का प्रदर्शन करते हुए बताया कि उपराज्यपाल ने बिजली सब्सिडी की फाइल को रोक दिया है, इसलिए शनिवार से दिल्ली में उपभोक्ताओं को बिजली सब्सिडी नहीं मिलेगी.
वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है कि यह खेदपूर्ण है कि आतिशी ने यह झूठा और भ्रमात्मक बयान जारी किया, जबकि एलजी काफी पहले बिजली सब्सिडी फाइल को अपनी स्वीकृति दे चुके थे. उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार की समस्या यह है कि एलजी विनय सक्सेना दिल्ली के साधारण नागरिकों के हित में काम करते हैं, अपने संवैधानिक अधिकारों का उपयोग करते हुए काम करते हैं और इस वजह से आप सरकार से उनका अक्सर टकराव होता है. सचदेवा ने कहा कि यह खेदपूर्ण है कि संवैधानिक मंत्री पद पर बैठी आतिशी हो या फिर स्वयं सीएम यह राजनीतिक द्वेष भाव से बार-बार सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठे एलजी पर झूठे आरोप लगाते हैं.
सीएम केजरीवाल से वीरेन्द्र सचदेवा ने मांगा ये जवाब
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा है कि सीएम जवाब दें कि पावर सब्सिडी से जुड़ी फाइल जो कैबिनेट में 4 अप्रैल को स्वीकृत हो गई थी, उसे एलजी को 11 अप्रैल को क्यों भेजा? कहीं न कहीं मंशा साफ है कि 11 अप्रैल के बाद तीन दिन का सप्ताहांत अवकाश था और केजरीवाल सरकार ने सोचा कि इस कारण यदि फाइल स्वीकृत होने में विलंब हुआ तो एलजी पर आक्षेप लगाएंगे. शुक्रवार को करने का प्रयास भी किया पर टीम केजरीवाल के दुर्भाग्यवश एलजी ने सब्सिडी की फाइल संभवतः गुरुवार देर रात ही स्वीकृत कर दी.
केजरीवाल सरकार जवाब देने से बच रही है- सचदेवा
सचदेवा ने कहा है कि जहां तक बिजली विभाग से जुड़े मामलों का मुद्दा है तो एलजी ने पांच विशेष बिंदुओं पर सरकार से सवाल पूछे हैं, जिस पर केजरीवाल सरकार जवाब देने से बच रही है, क्योंकि यह सवाल कहीं न कहीं केजरीवाल सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. बीजेपी मांग करती है कि सीएम स्वयं सामने आए और पावर डिस्कॉम के 6 साल से रुके हुए ऑडिट, सभी गरीबों को बिजली सब्सिडी सुनिश्चित न करने, पावर डिस्कॉम के डी.ई.आर.सी. की ओर से ऑडिट अनिवार्य न करने, सीधा सी.ए.जी. से ऑडिट न कराकर केवल उनसे जुड़े ऑडिटर से ऑडिट की बात करने और पाॅवर डिस्कॉम के ऑडिट संबंधित सुप्रीम कोर्ट की केस को लंबित पड़े रहने संबंधित पांच सवालों का जवाब दें.
'सब्सिडी उपभोक्ताओं के खाते में देना चाहती है सरकार'
वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि यह समझ से परे है कि केजरीवाल सरकार ने पिछले 6 साल में 13549 करोड़ रुपये सब्सिडी के रुप में पावर डिस्कॉम को दिया है और आखिर क्यों न तो वह उस सब्सिडी का ऑडिट कराना चाहती है और न ही वे सब्सिडी उपभोक्ताओं के खाते में देना चाहती है. पावर सब्सिडी के खेल का एक सच यह भी है कि आज भी दिल्ली में किराये के मकानों में रह रहे गरीबों को पावर सब्सिडी का कोई लाभ नहीं मिल रहा है और 2019 में घोषित केजरीवाल सरकार की किरायेदार बिजली मीटर योजना का कोई अता-पता नहीं है.
सचदेवा बोले- सब्सिडी खेल भ्रष्टाचार का खेल
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा है कि केजरीवाल सरकार का सब्सिडी खेल भ्रष्टाचार का खेल है और भाजपा मांग करती है कि सभी उपभोक्ताओं को पहली 200 यूनिट बिजली खपत पर सब्सिडी का लाभ दिया जाए. इस दौरान प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर, अजय सहरावत और मीडिया रिलेशन विभाग के सह-प्रमुख विक्रम मित्तल उपस्थित थे.
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