Delhi Electricity Subsidy: बिजली सब्सिडी पर 'मंडराया संकट', LG ने केजरीवाल सरकार के फैसले को बताया असंवैधानिक
Delhi Electricity Subsidy Row: एलजी विनय कुमार सक्सेना ने मुख्य सचिव से कहा है कि दिल्ली में बिजली सब्सिडी मामले को कैबिनेट में पेश किया जाए और आने वाले 15 दिनों में कैबिनेट में इस पर निर्णय लिया जाए.
Delhi Electricity Subsidy Update News: दिल्ली में बिजली सब्सिडी को लेकर विपक्ष की ओर से आम आदमी पार्टी (AAP) की आलोचना की जाती रही है. विपक्ष का आरोप है कि बिजली सब्सिडी (Electricity Subsidy) की वजह से दिल्ली पर आर्थिक बोझ का संकट मंडरा रहा है. वहीं, अब राजधानी में बिजली सब्सिडी को लेकर एलजी विनय सक्सेना (Vinai Saxena) के भी तेवर सख्त नजर आ रहे हैं.
बीते दिनों एलजी सक्सेना ने अधिकारियों संग इस मामले में बैठक की. इसके बाद दिल्ली सरकार को इस बात के लिए तलब किया कि बिजली सब्सिडी के लिए दिल्ली सरकार ने कैबिनेट से अभी तक मंजूरी नहीं ली है. बिना कैबिनेट की मंजूरी के ही कई सालों से दिल्ली में बिजली सब्सिडी लोगों को मुहैया कराई जा रही है, जो पूरी तरह संविधान के खिलाफ है.
15 दिनों में कैबिनेट से पास कराने के निर्देश
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मुख्य सचिव को आदेश देते हुए कहा है कि दिल्ली में बिजली बिल सब्सिडी मामले को कैबिनेट में पेश किया जाए और आने वाले 15 दिनों में कैबिनेट में इस पर निर्णय लिया जाए. इसके बाद ही दिल्ली में बिजली सब्सिडी देने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा. वैसे इस मामले पर बिजली वितरण कंपनियों ने मुख्य सचिव से शिकायत की थी, जिसमें व्यवसायिक लेनदेन के नियमों का उल्लंघन और निर्धारित सब्सिडी 5 किलोवाट तक सीमित रखने की बात कही थी.
आप ने एलजी के फैसले को ताया संविधान विरोधी
वहीं, इस मामले पर आम आदमी पार्टी ने पलटवार करते हुए कहा कि एलजी एक बार फिर अवैध रूप से आदेश जारी करके संविधान और सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं, जो कभी स्वीकार नहीं होगा. देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक पीठ ने अपने पूर्व के फैसले में साफ तौर पर बताया था कि एलजी को स्थानांतरित मामलों पर निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है, जिसमें यह बिजली सब्सिडी भी शामिल है.