नई दिल्ली: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Delhi Environment Minister Gopal Rai) ने रविवार को कहा कि उनके सरकार की प्राथमिकता मानव जीवन को बचाना है और पटाखों पर राजनीति में उसकी कोई दिलचस्पी नहीं है. राय ने यहां पत्रकारों से कहा कि हर साल दिवाली के आसपास प्रदूषण बढ़ता है. इसका मुख्य कारण पटाखों को जलाना है. पटाखों (Firecracker) से निकलने वाला धुआं खासकर बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए बेहद खतरनाक है.
दिल्ली के पर्यावरण ने क्या कहा है
दिल्ली सरकार ने अगले साल एक जनवरी तक सब तरह के पटाखों के उत्पादन, बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. दिवाली पर भी यह रोक जारी रहेगी. पिछले दो साल से पटाखों पर प्रतिबंध रहा है. राय ने कहा, ''हमारी प्राथमिकता जीवन बचाना है. पटाखों को लेकर राजनीति में हमारी कोई दिलचस्पी नहीं है. कुछ लोगों ने इस मुद्दे को लेकर का दरवाजा भी खटखटाया. मामले में शीर्ष अदालत के फैसले के बाद बहस की कोई गुंजाइश नहीं है.''
शीर्ष अदालत ने बीजेपी सांसद मनोज तिवारी की उस याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया था जिसमें दिल्ली में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध पर तत्काल सुनवाई की मांग की गई थी. याचिका खारिज करते हुए अदालत ने कहा, ''लोगों को साफ और खुली हवा में सांस लेने दें और अपने रुपयों से मिठाइयां खरीदें.'' इससे पहले गुरुवार को ही दिल्ली हाईकोर्ट ने भी इससे संबंधित एक याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया. हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी की ओर से दिए गए फैसले को चुनौती दी गई थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि मुद्दा अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, ऐसे में इस पर सुनवाई नहीं की जा सकती.
बीजेपी ने की केजरीवाल सरकार की आलोचना
बीजेपी नेताओं ने पहले पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध को लेकर दिल्ली सरकार पर निशाना साधा था और अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार को 'हिंदू विरोधी' करार दिया था. वहीं गोपाल राय ने बुधवार को कहा था कि दिल्ली में दिवाली पर पटाखे फोड़ने पर छह महीने तक की जेल की सजा और 200 रुपये का जुर्माना लग सकता है.
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