Delhi Liquor Stock: दिल्ली (Delhi) में लगभग 70 लाख शराब की बोतलें स्टॉक में बची हुई हैं. ऐसे में शराब कारोबारियों ने बची हुईं शराब की बोतलों के स्टॉक के निपटान के लिए दिल्ली की केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) से हस्तक्षेप की मांग की है. कारोबारियों का कहना है कि उनके पास 70 लाख शराब की बोतलें स्टॉक में पड़ी हुई हैं, जिसे सरकार बेचने की इजाजत नहीं दे रही है. ऐसे में कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन एल्कोहोलिक बेवरेज कंपनी (CIABC) ने आबकारी विभाग (Excise Department) और दिल्ली सरकार(Delhi Government) को पत्र लिखकर पुराने स्टॉक को बेचने की इजाजत मांगी है.


सीआईएबीसी के महानिदेशक विनोद गिरि का कहना है कि 31 अगस्त को नई आबकारी नीति से संचालित सभी लाइसेंस की अवधि खत्म होने के बाद भी काफी सारा स्टॉक बचा रह गया था. सरकार के आंकड़ों के मुताबिक भी लगभग 70 लाख शराब की बोतलें पुराने वेंडरों के पास हैं. उनका कहना है कि अब जब पुरानी आबकारी नीति के तहत दिल्ली में शराब की बिक्री हो रही है और काफी सारे ब्रांड की उपलब्धता नहीं है तो ऐसी स्थिति में पुराने स्टॉक को समायोजित कर बिक्री की अनुमति दी जाए. इससे शराब की किल्लत से भी बचा जा सकेगा. साथ ही आबकारी विभाग और दिल्ली सरकार को लिखे पत्र में छोटे ब्रांड के रजिस्ट्रेशन का मुद्दा भी उठाया गया है. पत्र में कहा गया है कि जब सरकार पुरानी आबकारी नीति के तहत शराब की बिक्री कर रही है तो ब्रांड रजिस्ट्रेशन के समय पूरे साल का 25 लाख रुपये का शुल्क न लिया जाए.


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2021 को नई आबकारी नीति लेकर आई थी केजरीवाल सरकार


आपको बता दें कि दिल्ली में फिर से पुरानी आबकारी नीति के तहत शराब की बिक्री हो रही है. ऐसे में नई नीति के तहत बिक्री करने वाले कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. गौरतलब है कि दिल्ली सरकार 17 नवंबर 2021 को आबकारी नीति 2021-22 लेकर आई थी, जिसने शराब की बिक्री में सरकार के लगभग पूर्ण एकाधिकार को समाप्त कर दिया. निजी कंपनियों के लिए सख्त राजस्व व्यवस्था को उदार बनाने के साथ यह दुकानें शहर में संक्षिप्त अवधि के लिए खुली थीं. इस नीति को जुलाई में वापस ले लिया गया था, जब उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने सरकार पर अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए इसके कार्यान्वयन में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. 17 नवंबर, 2021 से पहले लागू पुरानी आबकारी नीति को एक सितंबर से पुन: वापस लागू किया गया था.


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