Delhi News: दिल्ली शराब घोटाले को लेकर नये सिरे से दिल्ली की राजनीति में बवाल जारी है. इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच सियासी जंग चरम पर है. वहीं मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज होने के बाद ईडी ने सीएम अरविंद केजरीवाल को समन जारी कर दो नवंबर 2023 को पूछताछ के लिए कॉल किया. इस बीच अहम सवाल यह है कि आखिर दिल्ली के सीएम से पूछताछ क्यों, जब सीएम अरविंद केजरीवाल की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती.


मुख्यमंत्री के खिलाफ समन क्यों?


दरअसल, अप्रैल 2023 में CBI ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ सबूत होने का दावा किया था. उस समय केंद्रीय जांच ब्यूरो ने कहा था कि सबूत के आधार पर ही उन्हें समन जारी किया गया है. सीबीआई ने दावा किया था कि दो प्रमुख गवाहों ने सीबीआई को जानकारी दी थी कि अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में आबकारी नीति की ड्राफ्ट कॉपी आबकारी अधिकारी को दी गई, जिसे बाद में लागू की गई.


अरविंद केजरीवाल पर हैं ये आरोप


दूसरी तरफ प्रवर्तन निदेशालय की ओर से अदालत में दायर चार्जशीट के मुताबिक दिल्ली के सीएम ने लिकर ट्रेडर आबकारी नीति घोटाले के मुख्य आरोपी समीर महेंद्रू से फेसटाइम पर बात की थी. उन्होंने आप के संचार प्रभारी विजय नायर पर भरोसा करने को कहा. ईडी ने कहा कि 12 नवंबर और 15 नवंबर 2022 को पूछताछ के दौरान समीर महेंद्रू ने अधिकारियों को बताया था कि विजय नायर ने अरविंद केजरीवाल के साथ उनकी मुलाकात तय की थी, लेकिन बात नहीं बनी. इस मामले में ED ने यह भी बताया था कि अरविंद केजरीवाल ने शराब के कारोबार के सिलसिले में आंध्र प्रदेश के एक सांसद मगुनता श्रीनिवासलु रेड्डी से मुलाकात की थी. 


शराब घोटाले को बताया था फर्जी


वहीं, सीएम अरविंद केजरीवाल ने CBI से पूछताछ के बाद अप्रैल 2023 में कहा था कि शराब घोटाला फर्जी है. CBI ने जितने सवाल पूछे, मैंने सभी के जवाब दिए. हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है. सीएम ने कहा था कि शराब घोटाला झूठ है.  फर्जी और गंदी राजनीति से प्रेरित है. AAP कट्टर ईमानदार पार्टी है. हम मर-मिट जाएंगे पर कभी अपनी ईमानदारी के साथ समझौता नहीं करेंगे. विरोधी लोग AAP को खत्म करना चाहते हैं, लेकिन देश की जनता हमारे साथ है. 


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