Arvind Kejriwal News: राउज एवेन्यू कोर्ट से सीएम अरविंद केजरीवाल को राहत, इन शर्तों पर मिली जमानत
Arvind Kejriwal Bail: राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत दी है. अदालत की ओर से उन्हें 1 लाख के बांड पर जमानत दी गई है.
Delhi Excise Policy Case: दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राहत मिली है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत दी है. 1 लाख के बेल बांड पर जमानत दी गई है. अदालत ने अरविंद केजरीवाल के जमानत आदेश पर 48 घंटे के लिए रोक लगाने का ईडी का आग्रह भी खारिज कर दिया.
अदालत ने साथ ही AAP नेता पर कई शर्तें भी लगायीं, जिनमें यह भी शामिल है कि वह जांच को बाधित करने या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे. विशेष न्यायाधीश ने CM केजरीवाल को यह भी निर्देश दिया कि जब भी जरूरी होगा, वह अदालत में पेश होंगे और जांच में सहयोग करेंगे.
सीएम केजरीवाल को जमानत
'लाइव लॉ' की रिपोर्ट के मुताबिक राउज़ एवेन्यू कोर्ट के अवकाश न्यायाधीश (Vacation Judge) न्याय बिंदू ने आज पहले इसे सुरक्षित रखने के बाद आदेश पारित किया. ईडी के स्पेशल वकील जोहेब हुसैन ने जांच एजेंसी की ओर से अपने कानूनी उपायों का इस्तेमाल करने तक आदेश पर रोक लगाने आग्रह किया. हालांकि, अदालत ने रोक के अनुरोध को खारिज कर दिया.
एएसजी एसवी राजू ने क्या कहा?
CM केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. मई में उन्हें आम चुनाव के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट से 01 जून तक के लिए अंतरिम जमानत मिली थी. उसके बाद उन्होंने 2 जून को तिहाड़ जेल में सरेंडर किया था. ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कहा, ''सह आरोपी चनप्रीत सिंह (Chanpreet Singh) ने उद्यमियों से भारी नकद राशि प्राप्त की और अरविंद केजरीवाल के होटल में ठहरने के बिलों का भुगतान किया.
एएसजी एसवी राजू ने आगे कहा, ''ऐसा नहीं है कि ईडी हवा में जांच कर रही है. केंद्रीय जांच एजेंसी के पास मामले में ठोस सबूत हैं''. एएसजी ने आगे कहा कि सह आरोपी विजय नायर, जिसका सरकार से कोई संबंध नहीं था और उसका उत्पाद नीति तैयार करने में कोई रोल नहीं था, उसे केजरीवाल द्वारा बिचौलिए के रूप में इस्तेमाल किया गया था और मुख्यमंत्री के साथ उसकी निकटता संदेह से परे स्थापित है.''
उन्होंने कहा, ''सीएम केजरीवाल ने अपना पासवर्ड देने से इनकार कर दिया है. यह सामान्य जमानत कानून के तहत जमानत से इनकार करने का एक आधार है. वहीं, दलीलों का खंडन करते हुए, सीएम केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विक्रम चौधरी ने कहा कि मनीष सिसोदिया की जमानत सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी क्योंकि वह दो मामलों- अनुसूचित मामले (Scheduled Case) और पीएमएलए मामले में जमानत मांग रहे थे.
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