Delhi Excise Policy: आम आमदी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में लोअर कोर्ट (निचली अदालत) के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. उनकी याचिका पर सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है.
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपनी याचिका के जरिए हाई कोर्ट से अधीनस्थ अदालत के आदेश को रद्द करने की मांग की थी. सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सिसोदिया का पक्ष रखते हुए उनके वकील ने हाई कोर्ट ने अनुरोध किया कि स्पेशल जस्टिस ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए कोई भी मंजूरी नहीं होने के बाद भी आरोप-पत्र पर संज्ञान लिया. जबकि पूर्व सीएम कथित अपराध के समय एक लोक सेवक थे.
क्या है जांच एजेंसियों का दावा?
इसके उलट, केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई और ईडी ने अदालत में दावा किया है कि दिल्ली आबकारी नीति में संशोधन करते समय लापरवाही बरती गईं. इसका मकसद लाइसेंस धारकों को सुनियोजित रणनीति के तहत अनुचित लाभ पहुंचाना था.
सितंबर 2022 में आबकारी नीति रद्द
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई आबकारी नीति लागू की थी. नई नीति लागू करने के बाद दिल्ली सरकार पर दिल्ली शराब नीति मामले में घोटाले के आरोप लगे थे. दूसरी तरफ भ्रष्टाचार के आरोपों लगने के बाद सितंबर 2022 के अंत में दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति को रद्द कर दिया था.
LG ने की थी CBI जांच की सिफारिश
दिल्ली सरकार के इस फैसले से पहले आबकारी नीति लागू करने में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने इस मामले की सीबीआई से जांच की सिफारिश की थी. उसके बाद सीबीआई ने मामला दर्ज किया था. बता दें कि इस मनीष सिसोदिया अभी जमानत पर हैं.