(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Delhi: दिल्ली नगर निगम ने पुराने कमरों को चमकाया, स्वच्छता सैनिकों के लिए बनाया विश्रामगृह
दिल्ली नगर निगम ने स्वच्छता सैनिक और मालियों को विश्रामगृह की सौगात दी है. न्यू राजेंद्र नगर में सौंदर्यीकरण कर पुराने कमरे को विश्रामगृह का रूप दिया गया.
Delhi News: दिल्ली नगर निगम ने स्वच्छता सैनिक और मालियों को विश्रामगृह की सौगात दी है. न्यू राजेंद्र नगर में स्वच्छता सैनिकों और मालियों के लिए अलग अलग विश्रामगृह का सौंदर्यीकरण किया गया. एमसीडी के विशेष अधिकारी और आयुक्त ने विश्रामगृह का उद्घाटन किया. विश्रामगृह में स्वच्छता सैनिक और माली आराम विश्राम कर सकेंगे. मरम्मत और साफ सफाई के बाद पुराने कमरे को विश्रामगृह में परिवर्तित किया गया. विश्रामग्रह में स्वच्छता सैनिकों और मालियों के लिए बैठने, खाने और शौचालय की भी सुविधा दी गई है. उद्घाटन कार्यक्रम के मौके पर करोल बाग क्षेत्र की उपायुक्त शशांका आला और आरडब्ल्यूए सदस्य भी मौजूद रहे.
स्वच्छता सैनिक और मालियों को विश्रामगृह की सौगात
उन्होंने बताया कि इलाके के सौंदर्यीकरण कार्य पर सभी सफाई कर्मचारियों और मालिकों की सराहना की. एमसीडी के विशेष अधिकारी अश्विनी कुमार ने बताया कि दिल्ली की सफाई व्यवस्था के लिए स्वच्छता सैनिक सबसे महत्वपूर्ण स्तम्भ हैं. निगम के स्वच्छता सैनिक दिल्ली को साफ-सुथरा रखने के लिए लगातार काम कर रहे हैं. दिल्ली की सड़कों, मोहल्लों की सफाई सुनिश्चित की गई है. स्वच्छता सैनिक दिल्ली नगर निगम की रीढ़ हैं और निगम उनके कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने बताया कि नगर निगम स्वच्छता सैनिकों के कल्याण का हर संभव प्रयास कर रहा है.
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पुराने कमरे का किया गया मरम्मत और सौंदर्यीकरण
निगम कमिश्नर ज्ञानेश भारती ने बताया कि दिल्ली नगर निगम दिल्ली को स्वच्छ और सुंदर बनाने की दिशा में लगातार काम कर रहा है. इसी कड़ी में निगम के एरिया में आने वाले ढलानों को चरणबद्ध रूप से बंद करने का काम किया जा रहा है. ढलानों को बंद कर स्वच्छता सैनिकों के लिए विश्राम गृह, वरिष्ठ नागरिकों के लिए मनोरंजन केंद्र, नागरिकों के लिए पुस्तकालय खोलने का काम हो रहा है. आयुक्त ने बताया कि निगम एरिया में आने वाले ढलान के चलते स्थानीय निवासियों को काफी परेशानी होती है. इसलिए ढलानों को बंद करने का काम हो रहा है.
उन्होंने बताया कि पूसा के चारों ओर 15 नए टिपर और एक मशीनीकृत एफसीटीएस स्थापित कर कचरे को एफसीटीएस में पुनर्निर्देशित किया गया था. ढलान को बंद करने के बाद माली विश्रामगृह में बदल दिया गया ताकि माली बैठकर खाना खा सकें और शौचालय का उपयोग कर सकें. ढलान के सामने एक पुराने कमरे की मरम्मत कर सफाई कर्मचारी विश्राम गृह में परिवर्तित किया गया. दोनों कमरों का सौंदर्यीकरण आर्थर स्टूडियो ने स्वच्छता सैनिकों के प्रति सम्मान दिखाने के लिए किया है. चार महीने से भी कम समय में क्षेत्र को ढलान मुक्त कर दिया गया है और आरडब्ल्यूए के सदस्य जल्द ही एक शून्य अपशिष्ट कॉलोनी बनने और सहभागिता प्रमाणन प्राप्त करने की दिशा में कार्य कर रहै है. करोल बाग क्षेत्र को मार्च 2023 तक ढलान मुक्त कर दिया जाएगा.
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