Fake Passport Gang Busted in Delhi: आईजीआई एयरपोर्ट थाने की पुलिस ने फर्जी भारतीय दस्तावेजों के आधार पर भारतीय पासपोर्ट बना कर बांग्लादेशी नागरिकों को विदेश भेजने के एक बड़े मामले का खुलासा किया है. इस मामले में एक बांग्लादेशी एजेंट को गिरफ्तार हुआ है, जो खुद भी अवैध तरीकों से 10-12 साल पहले भारत में आया था और फिर नोएडा में रह कर यह गोरखधंधा करने लगा. इस मामले में गिरफ्तार बांग्लादेशी एजेंट की पहचान रिजाउल खान उर्फ रिजाउल करीम उर्फ आदिल के रूप में हुई है. 


यह बांग्लादेश के रहने वाला है. इसने तीन बांग्लादेशी नागरिकों का फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर कार्ड आदि बनाया था, जिसके आधार पर बने भारतीय पासपोर्ट पर उन्हें बैंकॉक भेजने का दावा उसने बांग्लादेशी नागरिकों से किया था. हालांकि, सभी बंगलादेशी नागरिकों को उनके दस्तावेजों की स्क्रूटनी के दौरान IGI एयरपोर्ट पर जांच अधिकारियों द्वारा पकड़ लिया गया. उनकी गिरफ्तारी के बाद इस बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ.


तीन बांग्लादेशी नागरिक को भारतीय दरस्तावेज़ों के साथ पकड़ा
डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि 18 जून को भारतीय पासपोर्ट धारक तीन हवाई यात्री मोहम्मद मेहंदी खान, मोहिदुल शेख, मोहम्मद सोजीव खान बैंकॉक जाने के लिए IGI एयरपोर्ट पहुंचे थे. जहां उनके यात्रा दस्तावेजों और दी गई जानकारियों की स्क्रूटनी के दौरान एयरपोर्ट अधिकारियों को उन हवाई यात्रियों के दस्तावेजों पर शक हुआ. जांच में बांग्लादेशी होने और उनके द्वारा फर्जी तरीके से भारतीय दस्तवेजो को प्राप्त करने का पता चला. 


उनके पास से बांग्लादेशी ऑथोरिटी द्वारा जारी किया गया बर्थ सर्टिफिकेट भी बरामद हुआ. जिससे उनकी पहचान मोहम्मद मेहदी हसन, मोहम्मद मोहेदुल मीर और एक कि नाबालिग के तौर पर हुई. जिसके बाद उन्हें IGI एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया गया. पुलिस ने जालसाजी, आपराधिक साजिश रचने और 14 फॉरेनर्स एक्ट समेत संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर उन्हें को गिरफ्तार कर लिया.


उड़ान से पहले एयरपोर्ट पर जांच अधिकारियों ने दबोचा
इस मामले में एयरपोर्ट थाने की पुलिस ने जब दोनों बांग्लादेशी नागरिकों से पूछताछ की तो आरोपी मेहंदी हसन ने बताया कि वह बांग्लादेश में मजदूरी करता था. वहां उसकी अच्छी कमाई नहीं हो पा रही थी. इसलिए उसका भाई रिजाउल करीम जो 10-12 साल पहले भारत आया था उसकी मदद से वह 2019 में  बानपुर बॉर्डर के रास्ते अवैध रूप से इंडिया आया. इसके बाद वह अपने भाई के पास नोएडा में रहने लगा. जिसने उसके लिए फर्जी भारतीय पहचान पत्रों की व्यवस्था की और फिर उसके आधार पर बने भारतीय पासपोर्ट के सहारे उसे कुवैत भेजा जहां उसने कुछ दिनों तक काम किया. 


इस दौरान वह कई बार बांग्लादेश भी गया. उसने आगे बताया कि उसके भाई रिजाउल करीम, जो कि फर्जी भारतीय दस्तवेज़ों को बनाने का काम करता था, ने उसे कहा कि दो बांग्लादेशी नागरिकों के साथ उसे बैंकॉक जाना है. जिनकी यात्रा और भारतीय पहचान पत्रों को बनाने के एवज में उसे मोटी रकम मिली थी. लेकिन वे एयरपोर्ट पर ही पकड़े गए.


वहीं मोहम्मद मेहदुल मीर ने बताया कि आरोपी एजेंट रिजाउल करीम ने बताया कि वह 2016 में अवैध तरीके से भारत आया था, जिसके बाद वह बैंगलोर में रह कर काम करने लगा. वहां उसने एक एजेंट के माध्यम से भारतीय पहचान पत्र पैन-आधार कार्ड भी बनवा लिया था. लेकिन एक बांग्लादेशी एजेंट ने उसे विदेश जा कर अच्छे पैसे कमाने का झांसा देकर रिजाउल करीम से संपर्क करने को कहा. 


जिसके बाद वह नॉएडा आ गया और रिजाउल करीम से एक लाख रुपये में नोएडा के पत्ते वाला अपडेटेड आधार-पैन कार्ड बनवाया और फिर गाजियाबाद के पते पर उसका भारतीय पासपोर्ट बनवा कर उसे बैंकॉक भेजने की डील उसकी उसके साथ हुई थी. उसी योजना के अनुसार वो बैंकॉक जा रहे थे लेकिन एयरपोर्ट पर जांच अधिकारियों ने उन्हें धर लिया. नाबालिग बांग्लादेशी यात्री ने भी एक लाख रुपये में भारतीय पासपोर्ट रिजाउल करीम द्वारा बनवाने की बात बताई.


तकनीकी निगरानी से छिप रहे एजेंट को पुलिस ने दबोचा
दोनों बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा किये गए खुलासे के आधार पर एसीपी आईजीआई वीकेपीएस यादव की देखरेख और एसएचओ विजेंदर राणा के नेतृत्व में एसआई राहुल और कॉन्स्टेबल दीपक की टीम का गठन कर आरोपी एजेंट की तलाश में लगाया गया था. आरोपी एजेंट के भाई मेहंदी हसन से मिली जानकारी और उसकी निशानदेही के आधार पर पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस की सहायता से नोएडा में उसके ठिकाने पर छापेमारी कर उसे दबोच लिया.


12 साल पहले खुद भी अवैध तरीके से आया था इंडिया
पूछताछ में आरोपी एजेंट ने बताया कि 10-12 साल पहले वह अवैध तरीके से इंडिया आया था और नोएडा में रहने लगा. यहां उसने एक एजेंट की सहायता से फर्जी तरीके से भारतीय पहचान पत्र भी हासिल कर लिया था. बाद में वह आसानी से पैसा कमाने की चाह में बांग्लादेशी नागरिकों के लिए फर्जी तरीके से भारतीय पहचान पत्र के आधार पर पासपोर्ट बनाने का काम करने लगा. इस मामले में पुलिस आरोपी एजेंट को गिरफ्तार कर आगे की जांच गयी है.


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