Union Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण चौथी बार देश का आम बजट पेश करने जा रही हैं. 1 फरवरी को साल 2022-23 का आम बजट पेश किया जाएगा जिसको लेकर महिलाओं को खासा उम्मीदें हैं. महिलाओं के लिए महंगाई, शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा अहम 3 बड़े मुद्दे हैं. जिसको लेकर घरेलू महिलाओं से लेकर कामकाजी और हर एक क्षेत्र से जुड़ी महिला इस बार बजट को लेकर वित्त मंत्री से उम्मीद लगाए हुए बैठी है. क्योंकि वित्त मंत्री खुद एक महिला है इसीलिए महिलाओं की आशाएं उनसे और ज्यादा बढ़ जाती हैं.


घरेलू महिलाओं के लिए महंगाई एक सिरदर्द


दक्षिण दिल्ली के गोविंदपुरी इलाके की रहने वाली भारती ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि हर साल बजट आता है लेकिन जो उम्मीदें की जाती हैं उन उम्मीदों को लेकर संतुष्टि नहीं मिलती. उन्होंने कहा कि महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है. सरकार दावे तो कई करती है लेकिन महंगाई पर कहीं भी लगाम लगती नहीं दिख रही है. गैस सिलेंडर के दाम से लेकर घर में रोज इस्तेमाल होने वाली चीजों के दाम बढ़ रहे हैं. सब्जी और फलों के दाम हर महीने बढ़ते हैं ऐसे में एक ग्रहणी का घर चलाना बेहद मुश्किल हो रहा है. खास तौर पर मिडिल क्लास परिवारों के लिए घर का बजट संभालना एक चुनौती से कम नहीं है.


उन्होंने कहा कि जहां पहले 1 महीने का राशन 5 से 10 हजार रुपए में आ जाता था अब उसके लिए 15 से 20 हजार रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं क्योंकि कोरोना के चलते सभी लोग घर पर हैं. जिसके कारण एक परिवार में राशन तो ज्यादा लग ही रहा है साथ ही चीजें महंगी भी होती जा रही है. सरसों के तेल से लेकर मसाले, दाल, चावल और रसोई में इस्तेमाल होने वाली रोजमर्रा की सभी चीजों के दाम बढ़े हुए हैं. बिजली पानी आदि के खर्चे भी बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस बार बजट में महंगाई को लेकर सरकार को कुछ ठोस कदम उठाने चाहिए जिससे कि मिडिल क्लास को कुछ राहत मिले और ग्रहणियों के लिए भी घर का बजट संभालना आसान हो सके.


सुरक्षा को लेकर बजट में किया जाए बड़ा ऐलान


वहीं अन्य महिला गुंजन शर्मा ने कहा कि सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई काम किए हैं. लेकिन आज भी बहुत कुछ किए जाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि पिछले साल के आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महिलाओं के लिए एक ऐलान किया था जिसमें उन्होंने महिलाओं को सभी क्षेत्र में काम करने की अनुमति और महिलाओं को नाइट शिफ्ट में भी काम करने की छूट दी गई थी. जिसको लेकर सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाए जाने की बात कही थी. लेकिन आज कितनी महिलाएं हैं जो कि रात में काम करने को लेकर खुद को सुरक्षित महसूस करती हैं या फिर वह दिन की तरह ही रात में पूरी सुरक्षा और बिना डरे काम कर पाती है.


महिलाओं के साथ साथ उनके परिवार या फिर पति या ससुराल वालों में भी रात में काम करने को लेकर एक झिझक देखने को मिलती है. यानी अभी भी खुद महिलाएं या उनका परिवार उन्हें रात में काम करने के लिए सुरक्षित नहीं समझता. साथ ही उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्र में महिलाओं को काम करने की अनुमति तो दी गई है लेकिन अभी भी कई जगह पर महिलाओं को इसके लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है. यदि उन्हें नौकरी मिल भी जाती है तो उन्हें नौकरी में उन्हें वो सम्मान नहीं मिलता और उन्हें वहां पर भी महिला और पुरुष को लेकर भेदभाव झेलना पड़ता है.


महिलाओं के लिए शिक्षा और रोजगार के अवसर अभी भी कम 


कामकाजी महिला अपूर्वा शर्मा ने कहा कि महिलाओं के लिए नौकरियों में आरक्षण तो है ही इसके अलावा उन्हें हर एक क्षेत्र में काम करने की आजादी भी दी गई है. लेकिन अभी भी महिलाओं के लिए खुद का व्यवसाय शुरू करने को लेकर कुछ खास सा पारदर्शिता नहीं है. यदि कोई ग्रहणी अपना खुद का रोजगार शुरू करना चाहती है तो उसके लिए कई चुनौतियां उसे देखने को मिलती है. ऐसे में महिलाओं को टैक्स में विशेष छूट दी जानी चाहिए. महिला यदि अपने रोजगार के लिए कोई लोन लेती है तो उस लोन में उसे छूट दी जानी चाहिए.


बिजनेस लोन पर महिलाओं के लिए छूट होनी चाहिए जिससे कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में महिलाएं आगे आए और काम करे और महिलाओं के लिए रोजगार कामकाज के नए-नए अवसर खुल सके. उन्होंने कहा कि एक लड़की की शादी हो जाने के बाद उसके करियर और रोजगार को लेकर कई चुनौतियां खड़ी हो जाती है. परिवार और बच्चों की जिम्मेदारियां संभालने के बाद यदि एक महिला खुद का व्यवसाय या नौकरी चाहती है तो उसे आसानी से नहीं मिल पाती. ऐसे में इस को लेकर सरकार को नई-नई योजनाएं शुरू करनी चाहिए. जिससे कि घरेलू महिलाओं को आसानी से रोजगार मिल सके.


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