Delhi Fire News: दिल्ली में हर साल की तरह इस बार भी भीषण गर्मी के बीच आग लगने की घटनाएं पहले की तरह होने का सिलसिला जारी है. 26 मई को राष्ट्रीय राजधानी में आग के दो भीषण घटनाएं हुईं. इनमें पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार में न्यू बॉर्न बेबी केयर सेंटर में सात बच्चों की मौत हुई तो शाहदरा इलाके में एक चार मंजिला इमारत में आग लगने से तीन लोगों की जान चली गईं. पिछले दो सालों में दिल्ली में कुल 66 भीषण आग की घटनाएं हुई हैं. साल 2022 में आग लगने के 30 और 2023 में 36 घटनाएं हुईं थी.
साल 2024 में ही आग की घटनाओं का सिलसिला जारी है. 26 मई को दो अलग-अलग घटनाओं में नौ लोगों की मौतें हुईं. इनमें सात बच्चे शामिल हैं. जनवरी से मई 2024 के दौरान दिल्ली फायर सेवा विभाग को आग लगने की कुल 8201 घटनाएं हुईं. इसी दौरान साल 2023 में 5970 घटनाएं हुईं थीं.
सेंट्रल दिल्ली में स्थित सात मंजिला नायक अस्पताल में आग लगने पर 50 लोगों को बचा लिया गया था. इसी तरह इसी तरह द्वारका के न्यू बॉर्न अस्पताल में भी पिछले साल हुई आग की घटना में 20 नवजात की जान बचाने में सफलता मिली थी. दिल्ली एम्स के इंडोस्कोपी यूनिट में आग लगने के समय भी दिल्ली फायर सेवा ने 100 रोगियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया था.
क्या है सबसे बड़ी चुनौती?
टीओआई ने दिल्ली फायर सेवा के निदेश अतुल गर्ग के हवाले से बताया है कि अस्पतालों में आग लगने की घटनाओं में हमारे पास सबसे बड़ी चुनौती समय पर सूचित करने की होती है. इसके अलावा, फायर डिपार्टमेंट के पास कर्मचारियों की भारी कमी है. नये और प्रशिक्षित कर्मचारियों को भर्ती करने की भी जरूरत है. ताकि, आग की घटनाओं पर काबू पाना संभव हो सके.
आग लगने पर कैसे करें जनधन का बचाव
- हाई क्वालिटी का स्मोक डिटेक्टर, सेंसर, फायर अलार्म का प्रयोग करें.
- भवन में आग पर काबू पाने के लिए आटोमैटिक स्प्रिंकलर्स लगाएं.
- भवन में लगाए गए अग्निशमन रोधी उपकरणों को हमेशा अपडेट रखें.
- नियमित रूप से इलेक्ट्रिकल वायरिंग की जांच कराते रहें.
- ज्वलनशील मैटीरियल को सुरक्षित स्थानों पर ही रखें.
- सीढ़ी के नीचे या छत पर कुछ भी न रखें.
आग लगने पर तत्काल क्या करें?
- भवन को पूरी तरह से खाली कर दें.
- भवन के ऊपर से न कूंदें बल्कि सीढ़ियों का सहारा लेकर नीचें उतरें.
- अगर एग्जिट ब्लॉक है तो विंडो के पास खड़े हो जाएं और उसके ग्लास को तोड़ दें.