दिल्ली के मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास चार मंजिला इमारत में शुक्रवार को आग लग गई थी. इस अग्निकांड में 27 लोगों की जिंदा जल कर मौत हो गई जबकि 12 लोग गंभीर रूप से झुलस गए. वहीं जब फायर डिपार्टमेंट को पहली बार दिल्ली के मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास कमर्शियल इमारत में आग लगने की सूचना मिली, तो उन्हें लगा कि यह एक फैक्ट्री यूनिट है, न कि एक ऑफिस कॉम्पलेक्स जिसमें सौ से अधिक लोग फंसे हुए हैं.
पहले कारखाने में आग लगने की सूचना मिली थी- अतुल गर्ग
द इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली अग्निशमन सेवा के प्रमुख अतुल गर्ग ने बताया कि उन्हें सबसे पहले शाम 4.40 बजे फोन आया था और उन्हें सूचित किया गया था कि जहां आग लगी है वह एक कारखाना है. गर्ग ने आगे बताया कि, “यह मानते हुए कि कारखाने में आग थी, हमने 10 दमकल गाड़ियों को मौके पर भेजा था. हमें अंदर फंसे लोगों की संख्या के बारे में नहीं बताया गया था. आग पहली मंजिल पर लगी और एक घंटे के भीतर दूसरी मंजिलों पर फैल गई थी. हमने पाया कि लोग अंदर फंसे हुए थे. यह एक ऑफिस स्पेस है जहां वाईफाई राउटर, सीसीटीवी और अन्य डिवाइस स्टोर किए जाते हैं. हमने क्रेन और एंबुलेंस को भी मदद के लिए बुलाया था.”
घटना में 27 लोगों की हो चुकी है मौत
"तेज गर्मी" ने फायर फाइटर्स के लिए सबसे बड़ी चुनौती पेश की थी . हालांकि काफी मश्क्कत के बाद आग पर काबू पा गया, लेकिन इस दौरान 27 लोगों की मौत हो गई और 12 लोग गंभीर रूप से झुलस गए. 50 लोगों को सकुशल बचा लिया गया था. फिलहाल एनडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर मौजूद है और अब भी बचाव कार्य जारी है.
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