Wazirabad Floating Park: बाढ़ की भेंट चढ़ा वजीराबाद नाले पर बना फ्लोटिंग पार्क, पानी में बहे दिल्ली सरकार के लाखों रुपये
Delhi: बाढ़ के कारण सभी नालों को बंद कर दिया गया था, लेकिन जब यमुना के जल स्तर में कमी के नालों को खोला गया, तो नालों में पानी के तेज बहाव से वजीराबाद नाले पर बना दिल्ली सरकार का प्रोजेक्ट भी बह गया.
Delhi News: दिल्ली (Delhi) के जल स्तर को बढ़ाने और सुंदर बनाने की कवायद में केजरीवाल सरकार इससे जुड़ी कई परियोजनाओं पर काम कर रही है. एक तरफ जहां दिल्ली को झीलों का शहर बना कर भूजल स्तर को बढाने की कोशिश की जा रही है, जिससे कि आने वाले समय मे दिल्ली के लोगों की पानी की किल्लत को दूर किया जा सके. वहीं दूसरी तरफ झीलों के आसपास के इलाकों को हरित-स्वच्छ और सुंदर बनाकर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है.
इसी कड़ी में केजरीवाल सरकार ने करोड़ों खर्च कर के कई नालों की सफाई कराकर उन पर फ्लोटिंग पार्क (तैरता हुआ पार्क) बनाया था. इनमें वजीराबाद स्थित फ्लड का बड़ा नाला भी शामिल है. दिल्ली सरकार ने इस नाले को सुंदर झील में तब्दील करने की कवायद में लाखों रुपये खर्च किये थे और अभी भी यहां काम चल ही रह था. यहां के आसपास के वातावरण को सुंदर और खुशनुमा रखने के लिए इसके ऊपर एक फ्लोटिंग पार्क बनाया गया था, जिसमें सुंदर-सुंदर फूलों के पौधे लगाए गए थे.
नाले के बहाव में बहा तैरता पार्क
ऐसा इसलिए किया गया था ताकि, यहां सुंदरता के साथ हरियाली भी बनी रहे, लेकिन बीते दिनों यमुना में बाढ़ के चलते ओवरफ्लो होने के कारण सभी नालों को बंद कर दिया गया था. इसके बाद जब यमुना के जलस्तर में कमी के नालों को खोला गया, तो पानी के तेज बहाव की वजह से वजीराबाद नाले पर बना दिल्ली सरकार का प्रोजेक्ट भी बह गया. बता दें कि वजीराबाद नाले में तैरता पार्क बनाने में सरकार को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था.
नाले के पानी के ऊपर बनाया गया था पार्क
इस मुश्किल कार्य को सफल बनाते हुए थर्मोकोल की सहायता से नाले के पानी के ऊपर फ्लोटिंग पार्क को विकसित किया गया. नाले के गन्दे और केमिकल युक्त पानी से थर्मोकोल को ऊपर लागए गए पौधों को कोई हानि न हो. इसके लिए नाले में तैरते पार्क से पहले पानी को साफ करने के लिए बीच-बीच में टरबाइन भी लागए गए थे, जिससे पौधे सुरक्षित रह सकें और नालों के कचड़ों की सफाई के साथ पौधों को पर्याप्त ऑक्सीजन भी मिलता रहे, लेकिन दिल्ली सरकार के इस प्रोजेक्ट को नाले के पानी का तेज बहाव अपने साथ बहा ले गया.
लाखों रुपये का हुआ नुकसान
इससे दिल्ली सरकार का लाखों रुपये का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है. गौरतलब है कि, दिल्ली सरकार प्रदेश को झीलों का शहर बनाने की मुहिम पर काम कर रही है. ऐसे में जहां बड़े गंदे नाले, झील या तालाब हैं, उन्हें विकसित कर उनकी जलधारा पर तैरते पार्क भी बनाए जा रहे हैं. वजीराबाद की तरह बुराड़ी में भी कई पुराने तालाबों में तैरते पार्क बनाए गए. वहीं वजीराबाद का बाईपास नाला हो या मुखर्जी नगर नेहरू विहार का नाला दोनों में भी थर्मोकोल के ऊपर तैरता पार्क बनाया गया था, जिससे नाले के आसपास के क्षेत्र का वातावरण शुद्ध और खुशनुमा रहे.
इस सबके बीच यमुना में बाढ़ की वजह से तैरता पार्क बहाव के साथ बहकर दूर चला गया. हालांकि समय रहते वहां लगे टरबाईन और फिल्टर को बाहर निकाल लिया गया, जिससे कि परिस्थितियों के सामान्य होने के बाद फिर से इस फ्लोटिंग पार्क को पहले की तरह बनाया जा सके और एक बार फिर से लोग इसकी खूबसूरती को निहारने यहां आ सकें.
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