Delhi Flood: हथिनी कुंड बैराज से तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी का जलस्तर बढ़ गया है. वहीं यमुना के पास बसे गांव पानी में डूब गए हैं. मिली जानकारी के अनुसार देर रात भारी तादाद में पानी घरों के अंदर घुस गया. ऐसे में आनन-फानन में लोग अपने जरूरत के सामानों को निकाल कर बाहर सड़क पर रहने को मजबूर हो रहे हैं. करीब सैकड़ों परिवार अपने बच्चों के साथ बांध पर बनी सड़क पर रहने को मजबूर हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि, जिला प्रशासन की तरफ से तमाम वादे और इंतजाम किए गए थे, लेकिन तस्वीरें कुछ अलग ही कहानी बयां कर रही हैं. हालांकि, फायर और पुलिसकर्मी लगातार अलग-अलग जगहों पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं.
बता दें कि, यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जा चुका है. यहां यमुना का पानी चेतावनी स्तर 204, रेड अलर्ट 208 के पार हो गया है. इसके कारण यमुना के पास बने फार्म हाउस और गांव में पानी भर गया है. वहीं नोएडा एडीएम ने कहा कि, फार्म हाउस में 10 से 15 लोगों के फंसे होने की सूचना मिली है, जिनको फायर कर्मी ओर SDRF की टीम निकाल रही है. वहीं लागतार सूचना आ रही है कि अलग-अलग जगहों पर लोग फंसे हुए हैं. जिला प्रशासन पूरी तरीके से अलर्ट मोड पर है. जहा से भी लोगों के फंसे होने की खबर मिल रही है वहां लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है.
बेजुबान जानवर पानी में फंसे
वहीं नोएडा एडीएम ने आगे बताया कि, यमुना किनारे आई बाढ़ से करीब 10 फिट तक पानी भरा गया है. सेक्टर 135 पूरा जलमग्न हुआ है. नोएडा दमकल विभाग के CFO प्रदीप चौबे व स्थानीय पुलिस ने जान पर खेलकर बच्चों और महिलाओं का रेस्क्यू कर बाहर निकाल रहे हैं. वहीं नोएडा के सेक्टर 135 और 137 के स्थानीय निवासियों का कहना है कि, करीब 36 घंटे बीत जाने के बावजूद अब तक उनकी करीब 200 से ज्यादा गाय, बछड़े गौशाला में मौजूद हैं. वहां अब पानी भर गया है, लेकिन प्रशासन की तरफ से मदद नहीं की जा रही है. लोगों का आरोप है कि, राहत का काम बहुत धीरे चल रहा है और ऐसे ही धीमी गति से चलता रहा तो बेजुबानों तक पहुंचने से पहले ही वो जान गवां देंगे.
उनका कहना है कि, पानी का लेवल और रफ्तार दोनों तेज हो गए हैं, जिन लोगों को तैरना आता है वो तैरकर बाहर आ रहे हैं, लेकिन उन मूक जानवरों का क्या जो इंसानों की तरह शोर मचाकर मदद भी नही मांग सकते हैं. लोगों को बाहर आने में सहूलियत रहे. इसलिए पूरे जलमग्न रास्ते के किनारे रस्सियां बांध दी गई हैं. लोग इस रस्सी की मदद से बाहर आ रहे हैं.