Delhi: दिल्ली में ITO के पास बने शिविर में शौचालय की व्यवस्था नहीं, स्वाति मालीवाल ने कही ये बात
Delhi Floods: दिल्ली में आईटीओ के पास बने शिविर में शौचलय की व्यवस्था नहीं है. इस पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि जल्द ही शौचालय की व्यवस्था की जाएगी.
Delhi Floods News: दिल्ली में यमुना का कहर जारी है. यमुना के तटीय इलाकों समेत जितने भी निचले इलाके हैं वे इस वक़्त पूरी तरह से जलमग्न हैं. जन-जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुका है. खास तौर पर निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. फिलहाल, भागती-दौड़ती दिल्ली फिलहाल ठहरी हुई सी नजर आ रही है. यमुना का पानी उन लोगों के लिए काफी कष्ट लेकर आया है, जिनके घर यमुना के तटीय इलाकों में पड़ते हैं. पानी मे डूबने की वजह से लोगों को अपने घरों को छोड़ कर राहत शिविर में शरण लेना पड़ा है.
DCW चीफ मालीवाल ने किया राहत शिविर का दौरा
सरकार भी इस प्राकृतिक आपदा से पीड़ित लोगों के लिए लगातार जुटी हुई है. जगह-जगह राहत शिविर कैम्प बनाये गए हैं, जिनमें लोग फिलहाल आसरा पा कर खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. दिल्ली सरकार के उच्च अधिकारियों समेत दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल भी लगातार इन राहत शिविरों का दौरा कर वहां दी जाने वाली सुविधाओं का मुआयना कर रही हैं. लोगों को यथा संभव मदद का भरोसा दे रही हैं.
मालीवाल बोलीं- यह वक़्त राजनीति का नहीं
इस दौरान उन्होंने एबीपी लाइव से बात करते हुए कहा कि इस प्राकृतिक आपदा के समय में राजनीति न करते हुए, सभी को साथ मिल कर काम करना चाहिए, जिससे राहत शिविर में रह रहे लोगों को ज्यादा से ज्यादा मदद मिल सके. उन्होंने बताया कि वे लोगों से मिल कर उनकी समस्याओं की जानकारी ले रही हैं और जो भी सुविधा उनकी तरफ से दी जा सकेगी वो उन्हें उपलब्ध करवाने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने बताया कि इन शिविरों में महिलाओं और खास तौर पर गर्भवती महिलाओं का खास ख्याल रखा जा रहा है. इस मौके ओर उन्होंने लोगों से भी मदद की अपील करते हुए कहा कि ज्यादा से ज्यादा लोग आगे आ कर इस मुश्किल वक़्त में इन शरणार्थियों की मदद करें. यह एक प्राकृतिक आपदा है.
राहत शिविर के टेंट में नहीं मिल रही लोगों को राहत
जब एबीपी लाइव की टीम ने ITO के पास बनाये गए राहत शिविर में मिलने वाली सुविधाओं का जायजा लिया और लोगों से बातें की तो उन्होंने चौंकाने वाले खुलासे किए. सरकार इन राहत शिविरों में मिलने वाली सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है, लेकिन हकीकत की पड़ताल में सरकारी दावे खोखले नजर आए. शिविरों में उपचार केंद्र बनाए गए हैं, जहां पर कुछ एक दवाएं उपलब्ध हैं. शरणार्थियों के सिर छुपाने के लिए जो टेंट बनाये गए हैं, वे वास्तव में सिर्फ सिर ही छुपाने के लिए हैं, क्योंकि ये साइड से खुले हैं, और बारिश की स्थित में लोग गीले हो जाते हैं.
शिविर में लोगों का कहना है कि दिन में एक बजे खाना मिलता है वो भी उबले हुए पीले चावल जो ठीक तरह से पके भी नहीं होते हैं. सब्जी तो कभी मिली ही नहीं. खाना ऐसा है कि लोग उसे खा कर बीमार पड़ते हैं, फिर यहां उपलब्ध प्राथमिक उपचार केंद्र से ही उसका इलाज करवाते हैं. लोगों का कहना है कि इससे अच्छा सरकार उन्हें राशन दे दें, वो खुद ही अपना खाना बना लेंगे.
अब तक शौचालय की व्यवस्था नहीं
इसके अलावा जो यहां पर सबसे बड़ी समस्या नजर आयी वो यह है कि लोगों के लिए शौचालय की इन राहत शिविरों में कोई भी व्यवस्था नहीं कि गयी है. लोग इधर-उधर खुले में शौच के लिए मजबूर हैं. पुरुष तो फिर भी कहीं चले जाते हैं लेकिन महिलाओं को इस कारण खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द उनके लिए शौचालय की व्यवस्था की जाए.
मालीवाल बोलीं- जल्द ही उपलब्ध करायी जाएगी शौचालय की व्यवस्था
इस दौरान दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा राहत शिविरों में महिलाओं को सैनिटरी पैड बांटती नजर आईं और जब उनसे इसे लेकर एबीपी लाइव ने सवाल किया तो उन्होंने ने भी माना कि हां यहां पर टॉयलेट नहीं है, और जल्द ही इसकी सुविधा लोगों को उपलब्ध करवाई जाएगी. ऐसे में सवाल उठता है कि जब पिछले चार-पांच दिनों से लोग इन शिविरों में रह रहे हैं, तो सरकार ने इस मूलभूत और आवश्यक सुविधा को उपलब्ध करवाने को लेकर कोई प्रयास क्यों नहीं किये.
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