Delhi News: राजधानी दिल्ली इस वक्त बाढ़ की समस्या से ग्रस्त है. यमुना में आई बाढ़ ने 45 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है. दिल्ली के कई इलाकों में यमुना का पानी भर गया है. खासतौर पर तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि इस बाढ़ की वजह से उन्हें अपना घर छोड़कर राहत शिविर में शरण लेनी पड़ी है. इस बाढ़ की वजह से राजधानी दिल्ली थम सी गई है. सरकार के साथ एमसीडी भी अपने स्तर पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की मदद के लिए जमीनी स्तर पर कार्य मे जुट गई है. इसी क्रम में एमसीडी मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों और बनाए गए राहत शिविरों का जायजा लिया.


कैंप में खाने से लेकर स्वच्छता पर ध्यान


इस दौरान उन्होंने एमसीडी के अधिकारियों के साथ कश्मीरी गेट, लाल किला, आईटीओ आदि क्षेत्रों का निरीक्षण किया, और राहत शिविर में लोगों को मिल रहीं बुनियादी सुविधाओं की जानकारी ली. साथ ही अधिकारियों को शिविरों में रहने वाले शरणार्थियों की यथा संभव मदद के निर्देश दिए. इस त्रासदी को लेकर मेयर डॉ शैली ओबेरॉय ने कहा कि पिछले 45 साल को रिकॉर्ड टूट गया है. भारी बारिश के कारण यमुना का जल स्तर खतरे के निशान से 3 मीटर तक ऊपर जा चुका है. यमुना का जल स्तर जो 1978 में था, उससे भी आज ऊपर जा चुका है. इस वजह से यमुना का पानी सड़कों पर आ चुका है. बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू करके रिलीफ कैंप में रखा गया है. जहां उनके लिए सभी मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं. साथ ही राहत शिविरों में मच्छररोधी दवा का भी छिड़काव किया जा रहा है. एवं राहत शिविरों में स्वच्छता का विशेष ध्यान दिया जा रहा है.


एमसीडी स्कूल में बनाए जाएंगे रिलीफ कैंप 


मेयर ने कहा कि यह मुश्किल वक़्त है, ऐसे में दिल्ली सरकार और निगम लोगो के साथ मजबूती से खड़ी है. सभी एजेंसियां मिलकर लोगों की हर सम्भव मदद की कोशिश में लगी है. जरूरत पड़ने पर एमसीडी स्कूलों में और भी रिलीफ कैम्प बनाये जायेंगे. अभी सेट्रल जोन और नरेला के एक-एक स्कूल में रिलीफ कैंप बनाया गया है.  सभी जिलों के डीएम को बता दिया गया है कि वह निगम के स्कूलों में जरुरत के मुताबिक राहत शिविर बना सकते हैं. वहीं बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए कुछ क्षेत्रों के‌ स्कूल बंद कर दिए गए हैं. साथ ही लोगों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि वे घर से तभी बाहर निकलें, जब बहुत ज्यादा जरूरी हो. मेयर ने कहा कि यह बेहद मुश्किल दौर है और हम लोग इस दर्द को समझ सकते हैं. लोगों के घर पानी में डूब गए हैं और उनके लिए अपना घर छोड़कर आना बेहद दर्दनाक है.