Delhi News: दिल्ली में बीते दिनों आई बाढ़ के बाद लोगों के जहन में 1978 की यादें ताजा हो गई थी. होना भी स्वाभाविक था. यमुना ने के जल स्तर के रिकॉर्ड तोड़ते हुए खूब तबाही मचाई थी. दिल्ली के तटीय और निचले इलाकों के साथ कई रिहायशी और मशहूर प्रतिष्ठान तक यमुना की चपेट में आ गए थे. बाढ़ से जूझ रही दिल्ली में यमुना के शांत होने के बाद लोगों के साथ प्रशासन ने भी राहत की सांसें ली थी और फिर बाढ़ से हुए नुकसान से निपट कर अस्त-व्यस्त हो चुके जन-जीवन को सामान्य बनाने की कोशिश में जुट गई थी, लेकिन इससे पहले की सबकुछ पटरी पर लौटता, यमुना के फिर उफान मारने से दिल्ली में एक बार फिर से बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है. प्रशासन ने लोगों से की सुरक्षित क्षेत्रों में पहुंचने की अपील की.


यमुना के बढ़ते जल-स्तर की वजह से निचले इलाके में रहने वाले लोग एक बार फिर बाढ़ राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हुए हैं. राहत शिविर में शरण लेने वाले वो लोग यमुना के पानी के उतरने के बाद अपने-अपने घरों को लौट चुके थे. बाढ़ के खतरे को देखते हुए प्रशासन हाई अलर्ट पर है. अधिकारियों ने लोगों से निचले इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर जाने से की अपील की है. साथ ही डूब क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी कर दी गई है. इस बीच यमुना पर बने लोहे के पुल को एहतियातन बंद कर दिया गया है. इस पर फिलहाल सिर्फ ट्रेनों की आवाजाही हो रही है, जबकि आम लोगों के आवागमन पर पूरी तरह से रोक लगा दिया गया है.




जल मंत्री को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की चिंता 


यमुना के बढ़ते जल स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का जायज़ा लेने पहुंचे. बता दें कि पिछले दिनों आई बाढ़ से दिल्ली के तीन वाटर ट्रीटमेंट प्लांट वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला में पानी भरने के कारण उन्हें बंद करना पड़ा था. जिससे दिल्ली वालों को पीने के 25 प्रतिशत पानी की कमी को भी झेलना पड़ा था. हालांकि, बाढ़ का पानी उतरने के बाद सभी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को चालू कर दिया गया था, लेकिन एक बार फिर से बाढ़ के खतरे को देखते हुए जल मंत्री वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का दौरा करने पहुंचे. मंत्री ने ट्वीट कर के बताया कि जिन वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी भरा था, उनकी दीवारों को और ऊंची और मजबूत बना दी गई है.


खतरे के निशान के ऊपर यमुना का जल स्तर 


केंद्रीय जल आयोग (CWC) की ओर से सोमवार तड़के जारी आंकड़ों के मुता​बिक यमुना का जल सतर सुबह 3 बजे के बाद से खतरे के ​निशान 206.57 मीटर दर्ज किया था, जो खतरे का प्रतीक है. बीती रात 10 बजे यमुना का पानी 206.44 मीटर दर्ज किया गया था. बता दें कि, हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी के दिल्ली पहुंचने से पहले से ही यमुना चौथी बार खतरे के निशान के ऊपर बहने लगी है. रविवार शाम 9 बजे तक इसका जलस्तर खतरे के ​निशान से एक मीटर ऊपर 206.48 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो सुबह 205.81 था. वहीं राजधानी में संभावित बारिश से भी लोगों की परेशानियां बढ़ती नजर आ रही हैं. भारत मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक 29 जुलाई तक दिल्ली में बादल छाए रहने और बारिश का पूर्वानुमान है. इस दौरान दिल्ली और आसपास के इलाकों में हल्की और भारी बारिश होने की संभावना है.


इस बार नोएडा-गाजियाबाद में भी बाढ़ का खतरा


हिंडन में उफान से गाजियाबाद और नॉएडा में हिंडन आसपास के घरों में पानी घुस गया है. हिंडन के पानी के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन प्रशासन ने निचले इलाकों के लोगों को घर खाली करने को कह दिया है. यमुना की सहायक नदी हिंडन के भी उफान पर होने से नोएडा-गाजियाबाद में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. नदी किनारे बसे क्षेत्र पानी में घिर गए हैं. सिटी फॉरेस्ट में छह फुट तक तो मोरटा और करहेड़ा कॉलोनी में दो फुट तक पानी भर गया है. जिला प्रशासन ने बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है. डूब वाले क्षेत्र से लोगों को बाहर निकलाने के लिए प्रशासन को नाव बुलानी पड़ी है. गौतमबुद्ध नगर प्रशासन ने भी निचले इलाकों में बाढ़ की चेतावनी जारी कर दी है. हिंडन के करीब बसे पांच गांवों से शनिवार को करीब 200 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा गया है. 


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