Delhi News: दिल्ली-एनसीआर में संगठित अपराध सिंडिकेट चलाने के मामले में दिल्ली के पूर्व विधायक रामबीर शौकीन (Rambir Shokeen) को राहत मिली है. कांग्रेस के पूर्व विधायक रामबीर शौकीन को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सिर्फ चार महीने की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट नै शौकीन पर 15 हजार का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने रामबीर शौकीन को भगोड़ा घोषित किए जाने के तहत दोषी ठहराया था. पिछले दिनों अदालत ने रामबीर शौकीन पर लगे मकोका के आरोप को हटा दिया था.


क्या अब रामबीर शौकीन लड़ सकते हैं चुनाव?


वहीं चार महीने की सजा के बाद अब रामबीर शौकीन के चुनाव लड़ने का रास्ता भी साफ हो गया है. 23 अगस्त को पारित एक फैसले में कोर्ट ने बवाना की ओर से पेश वकील एम एस खान और कौसर खान की दलीलों को स्वीकार कर लिया कि अभियोजन पक्ष के पास आरोपियों के खिलाफ मामला साबित करने के लिए सबूतों की कमी है. न्यायाधीश ने कहा कि, 'आरोपी पंकज शेरावत, नीरज बवाना, नवीन डबास, राहुल डबास और रामबीर शौकीन को अपराध से बरी किया जाता है.'


क्या है पूरा मामला?


हालांकि, जज ने दिल्ली विधानसभा के पूर्व स्वतंत्र सदस्य शौकीन को आईपीसी की धारा 174-ए (लोक सेवक के आदेश का पालन करते हुए उपस्थित न होना) के तहत दोषी ठहराया था. बता दें कि दिल्ली पुलिस ने 2015 में मामले में एक आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें बवाना को "अराजकता का प्रतीक" और रैकेट का किंगपिन बताया था. पुलिस ने आरोप लगाया था कि शौकीन सिंडिकेट का राजनीतिक चेहरा है, क्योंकि उसने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को आगे बढ़ाने और आर्थिक लाभ हासिल करने के लिए विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए इन अपराधियों के प्रभाव का इस्तेमाल किया था.





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