Delhi Fraud Case: दिल्ली के साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के साइबर थाना की पुलिस टीम साइबर ठगों के एक ऐसे गिरोह का खुलासा करने में कमायाबी पाई है, जिन्होंने महज दो महीने ने साढ़े 4 करोड़ से ज्यादा की ठगी डेढ़ भर के लोगों से कर डाली. इस पूरे गोरखधंधे का खुलासा तब हुआ जब इन साइबर ठगों के शिकार सफदरजंग हॉस्पिटल के एक सीनियर डॉक्टर बने और उन्होंने अपनी और पिता की मेहनत के साढ़े 29 लाख रुपये साइबर ठगों के झांसे में आ कर गंवा दिये.


इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, इनमें से तीन आरोपी एमबीए और रशियन लैंगुएज में डिप्लोमाधारी है, जबकि चौथा 12वीं पास है. ये लोगों को ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब का झांसा देकर उनसे पैसों की ठगी करते थे.






इतने पढ़े लिखे है गिरफ्तार आरोपी
डीसीपी रोहित मीणा के अनुसार, इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान रोहित चिकारा, वरुण, मनीष मान और उदय मित्तल के रूप में हुई है. ये दिल्ली, पंजाब और यूपी के रहने वाले हैं. आरोपी रोहित और मनीष ने एमबीए किया है, जबकि वरुण रशियन लैंग्वेज में डिप्लोमा होल्डर है. वहीं चौथा आरोपी उदय मित्तल केवल 12वीं पास है. आरोपियों के खिलाफ एनसीआरपी पर देश भर से 22 शिकायतें प्राप्त हुई हैं.


सफदरजंग हॉस्पिटल के डॉक्टर से साढ़े 29 लाख की ठगी
डीसीपी ने बताया कि, 27 अप्रैल को एनसीआरपी के माध्यम से साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट की साइबर पुलिस को सफदरजंग अस्पताल के एक सीनियर डॉक्टर आशीष लखोटे की शिकायत प्राप्त हुई थी, जिंसमें उन्होंने बताया था कि इस साल अप्रैल महीने में वह एक ऑनलाइन कंपनी के सम्पर्क में आये थे, जिन्होंने उन्हें ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब का झांसा देकर प्रीपेड टास्क पर मोटी कमाई का लालच दिया और उनसे साढ़े 29 लाख रुपये इन्वेस्ट करा दिए, लेकिन जब उन्होंने अपने पैसे निकालने की कोशिश की तो उनके पैसे नहीं निकले. इस तरह साइबर ठगों ने उनसे 29.50 लाख रुपये की चीटिंग की. इस मामले में उनकी शिकायत पर शुरुआती छानबीन के बाद मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई.


बैंक के सीसीटीवी फुटेज से हुई दो आरोपियों की पहचान
इसके लिए एडिशनल डीसीपी मयंक बंसल की देखरेख में एसीपी देवेंद्र कुमार सिंह, एसएचओ विकास बुलडक और एसआई अमित मलिक एवं अन्य की टीम का गठन किया गया था. टीम को जांचक्रम में मनी ट्रेल का पता लगाने के दौरान पीड़ित से ऐंठे गए पैसों के 10 विभिन्न बैंक खातों के जमा होने का पता चला. जिसमें से एक बैंक खाते में में 10 लाख रुपये जमा होने की जानकारी पुलिस को मिली, जो द्वारका सेक्टर 7 के रामफल चौक के रहने वाले रोहित चिकारा के आरबीएल बैंक का खाता था.


जब पुलिस ने उस खाते की जानकारी बैंक से हासिल की तो पता चला कि उन 10 लाख रूपयों को दो बार मे चेक में माध्यम से बैंक से नकद निकासी की गई. इस पर पुलिस ने बैंक के सीसीटीवी फुटेजों को खंगाला और फिर उस्मान पैसे निकाल रहे दोनों संदिग्धों रोहित चिकारा और वरुण को दबोच लिया.


मास्टरमाइंड के इशारे पर चल रहा था पूरा खेल
आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि उन्हें अपने खाते में रकम प्राप्त करने के लिए नकद कमीशन मिलता है और वे यह सब मनीष मान नाम के एक शख्स के कहने ओर कर रहे थे. आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने मनीष मान और उदय मित्तल को भी गिरफ्तार कर लिया. आरोपी मनीष ने बताया कि वह कजाकिस्तान में बैठ कर इस पूरे खेल को चला रहे मास्टरमाइंड के इशारे पर करता था और वह ठगी गई रकम को क्रिप्टो करेंसी में बदल कर आगे उस मास्टरमाईंड को भेज देता था.


पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 3 लाख 98 हजार कैश, 09 मोबाइल, 02 चेक बुक और 09 एटीएम कार्ड बरामद किया है. इस मामले में पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की जांच में अन्य आरोपियों और कजाकिस्तान में बैठे मास्टरमाइंड का पता लगा कर पूरे सिंडिकेट का खुलासा करने की कोशिश में जुट गई है.


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