Delhi Free Electricity Subsidy: दिल्ली की ऊर्जा मंत्री आतिशी ने सोमवार यानी 27 मार्च को कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिजली वितरण कंपनियों को दी जा रही सब्सिडी का ऑडिट कराने का आदेश दिया है. ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं कोई गड़बड़ी तो नहीं है.


आतिशी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत के नियंत्रक व महालेखा परीक्षक की समिति में शामिल एजेंसियां ऑडिट करेंगी और इस संबंध में निर्देश दो से तीन दिन में जारी किए जाएंगे. आतिशी ने दावा किया कि केजरीवाल सरकार की मुफ्त बिजली योजना को रोकने के लिए उच्च स्तर पर व्यापक साजिश रची जा रही है. उससे जुड़ी फाइल मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री को नहीं दिखाई जा रहीं हैं. यह दर्शाता है कि इस मामले में कोई गड़बड़ है. 


आतिशी ने एलजी पर उठाए सवाल


बिजली मंत्री आतिशी ने आरोप लगाया है कि डिस्कॉम बोर्ड से पहले सरकार द्वारा नियुक्त विशेषज्ञों को हटा दिया गया है. अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या बिजली वितरण कंपनियों के साथ उपराज्यपाल की मिलीभगत है? फिलहाल, उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने तत्काल इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है. आतिशी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बिजली वितरण कंपनियों को दी जा रही सब्सिडी के ऑडिट का आदेश दिए हैं. ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस पैसे का उपयोग कैसे किया जा रहा है और क्या कोई विसंगतियां हैं?


डीईआरसी ने क्या दिया था परामर्श


दरअसल, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने कुछ दिनों पहले एनसीटी दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार से कहा था कि वे बिजली विभाग को डीईआरसी का परामर्श मंत्रिपरिषद के समक्ष रखने और 15 दिनों के भीतर उस पर निर्णय लेने का निर्देश दें. डीईआरसी ने 2020 में दिल्ली सरकार को एक परामर्श जारी किया था. डीईआरसी ने कहा था कि सरकार बिजली सब्सिडी गरीब और जरूरतमंद उपभोक्ताओं को सीमित करने पर विचार करे. डीईआरसी ने इस साल छह जनवरी को परामर्श यह कहते हुए वापस ले लिया कि यह मामला उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है. 


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