Delhi Gang War: अलीपुर हत्या मामले में दो शार्प शूटर समेत तीन गिरफ्तार, तिहाड़ जेल से क्या है इसका लिंक?
Alipur Gang War News: दिल्ली के तिहाड़ जेल में गैंग के मुखिया टिल्लू तजपुरिया की गोगी गैंग के सदस्यों द्वारा की गई हत्या का बदला लेने के लिए अलीपुर में ताजपुरिया गैंग ने शूटआउट को अंजाम दिया था.
Delhi Gang War News: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और आउटर नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट की स्पेशल स्टाफ पुलिस को टीम ने बीते दिनों अलीपुर इलाके में दिनदहाड़े हुए शूटआउट और हत्या के मामले में बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने कुख्यात टिल्लू ताजपुरिया गैंग के दो शार्प शूटरों और एक खबरी को गिरफ्तार किया. इनकी गिरफ्तारी से अलीपुर में हुए ब्लाइंड मर्डर मिस्ट्री की गुत्थी भी पुलिस ने सुलझा लिया है.
तिहाड़ जेल में गैंग के मुखिया टिल्लू तजपुरिया की गोगी गैंग के सदस्यों द्वारा की गई हत्या का बदला लेने के लिए अलीपुर में ताजपुरिया गैंग ने शूटआउट को अंजाम दिया था. इस शूटआउट में मारा गया नरेंद्र मलिक उर्फ ढीला और घायल तरुण यादव गोगी गैंग के एक्टिव मेंबर थे. जेल में बंद गैंग के इशारे पर इस हत्या को अंजाम दिया गया था.
दो पिस्टल और बाइक बरामद
इस मामले में गिरफ्तार दोनों शूटरों की पहचान विशाल और भरत कुमार उर्फ बाबू, जबकि खबरी की हैप्पी के रूप में पहचान हुई है. ये है हरियाणा सोनीपत, चरखी दादरी और दिल्ली के अलीपुर इलाके के रहने वाले हैं. इनके कब्जे से पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल मोटरसाइकिल समेत दो सोफिस्टिकेटेड पिस्टल भी बरामद किया है.
22 अप्रैल को ताजपुरिया गैंग ने की थी फायरिंग
एडिशनल सीपी नॉर्थरन रेंज राजीव रंजन सिंह ने बताया कि बीते 22 अप्रैल को अलीपुर में बस स्टॉप के सामने फायरिंग की सूचना मिली थी. मौके पर पहुंची पुलिस ने पाया कि एक टेम्पो पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई गई थी, जिंसमें सवार दो लोगों नरेंद्र मलिक उर्फ ढीला और तरुण यादव को गोलियां लगी थी, जिन्हें तुरंत ही SRHC अस्पताल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने नरेंद्र उर्फ ढीला को मृत घोषित कर दिया था, जबकि तरुण के पैर में गोली लगने की वजह से वह जख्मी हो गया था. पूछताछ में पुलिस को पता चला कि पांच लोगों ने टेम्पो सवार नरेंद्र और उसके साथी तरुण पर फायरिंग की थी.
नरेंद्र ने गोगी गैंग से मिला लिया था हाथ
पुलिस को छानबीन में पता चला कि मृतक नरेंद्र का भाई सुरेंद्र उर्फ मोनू, गोगी गैंग का सक्रिय सदस्य है. पिछले चार वर्षों से वह हत्या के एक मामले में न्यायिक हिरासत में है. स्थानीय लोगों से पूछताछ में पुलिस को यह भी पता चला कि सुरेंद्र की गिरफ्तारी के बाद मृतक नरेंद्र ने अपने साथी के साथ गोगी गैंग को ज्वाइन कर लिया था और उन्हीं के लिए काम कर रहा था. इस मामले में मिली जानकारियों और घायल तरुण यादव द्वारा दिए गए बयानों के आधार पर पुलिस ने आर्म्स एक्ट, हत्या समेत संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया था.
गोगी और टिल्लू गैंग के बीच पुरानी है दुश्मनी
पुलिस अधिकारी ने बताया कि दिनदहाड़े हुई इस हत्या के मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली पुलिस की कई टीमों को आरोपियों की पकड़ के लिए लगाया गया था. हत्या का यह मामला आपसी गैंगवार से जुड़ा हुआ लग रहा था, क्योंकि मृतक नरेंद्र गोगी गैंग से जुड़ा हुआ था. हालांकि, पुलिस इस मामले में हर पहलू से जांच कर रही थी.
जितेंद्र उर्फ गोगी और सुनील उर्फ टिल्लू तजपुरिया बाहरी दिल्ली के अलीपुर इलाके के ही रहने वाले थे. उनके बीच कॉलेज के दिनों यानी 2012-13 से ही दुश्मनी चल रही है. हालांकि, अब दोनों ही गैंग के मुखिया जितेंद्र उर्फ गोगी और सुनील उर्फ टिल्लू तजपुरिया की मौत हो चुकी है. जहां जितेंद्र उर्फ गोगी की टिल्लू तजपुरिया गैंग के सदस्यों द्वारा रोहिणी कोर्ट में हत्या कर दी तो टिल्लू तजपुरिया की तिहाड़ में दुश्मन गैंग के सदस्यों ने सूओं से घोंपकर जान ले ली. इन दोनों गैंग के बीच अब भी दुश्मनी जारी है. अपने वर्चस्व की लड़ाई में ये आपसी गैंगावर को अंजाम देते रहते हैं.
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