Delhi News: दिल्ली में एक्साइज पॉलिसी को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है. ऐसे में एक्साईज पॉलिसी विवाद पर गौतम गंभीर ने आप सरकार पर जमकर हमला बोला है. गंभीर ने कहा इनका नाम बदलकर आम आदमी पार्टी की जगह ठेकेदारों की सरकार और ठेकों की सरकार कर देना चाहिए. आगे उन्होंने कहा जब दिल्ली को ऑक्सीजन की कमी थी तो इन्होंने ठेकों पर लंबी-लंबी लाइनें लगवाई. वहीं सिंगापुर दौरे पर हुए विवाद को लेकर गौतम गंभार ने कहा इतने बड़े आदमी नहीं है अरविंद केजरीवाल कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. इनसे दिल्ली संभाली नहीं गई, अब पंजाब क्या संभाला जाएगा.


क्या है एक्साइज पॉलिसी


दिल्ली में 850 शराब की दुकानें हैं, जिनमें 60 फीसदी सरकारी और 40 फीसदी प्राइवेट है. वहीं अब सरकार 100 फीसदी दुकानों को निजी हाथों में दे देगी. शराब पीने की उम्र 25 से घटाकर 21 साल कर दिया गया है. इंटरलेशनल एयरपोर्ट और होटलों में 24 घंटें शराब मिलेगी. शराब की दुकानों का एरिया 500 वर्ग फीट होगा. शराब की होम डिलीवरी भी हो सकती है. हालांकि दिल्ली सरकार कह चुकी है कि दिल्ली में नई शराब की दुकानें नहीं खुलेंगी लेकिन बीजेपी इसी बात पर सरकार को घेरकर विरोध कर रही है. बीजेपी का कहना है कि सरकार युवाओं को शराब पीने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. 


दिल्ली के लोग सिर्फ प्रचार देख रहे


गौतम गंभीर ने आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने दावा किया था कि स्वच्छ शासन और प्रशासन के साथ, बिजली की कीमतों में भारी कमी आएगी. हालांकि, पिछले 8 वर्षों में, दिल्ली के लोग सिर्फ प्रचार ही देख रहे हैं. क्रिकेटर से राजनेता बने गंभीर ने कहा कि बिजली की खपत करने वाले 58 लाख घरों में से केवल आधे (लगभग 30 लाख) 200 यूनिट से कम का उपयोग करते हैं, जो सीधे बिजली वितरण कंपनियों द्वारा चार्ज नहीं किया जाता है. उन्होंने कहा, "अन्य 16 लाख लोग 800 रुपये तक की सब्सिडी का लाभ उठाते हैं. इसलिए, दिल्ली में 11 लाख परिवारों को 10 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली का भुगतान करना पड़ता है, जो पूरे देश में सबसे अधिक है." 


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